दोस्तों उत्तरप्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मेने कल
एक आर्टिकल ,,उनकी जानकारी को लेकर लिखा जिसमे आदित्यनाथ के पिता का नाम
मेने अवेदयनाथ लिखा था ,,आदित्यनाथ का भी पुराना नाम अजय सिंह नेगी ,सभी
जानते है ,,,मेने लिखा था ,, मेरे एक मित्र सुभाष शर्मा उर्फ़ चन्दर सुभाष
रठूरी Chandra Subhash Raturi साहिब ने मुझे टोकते हुए लिखा था जो हु बहु
पेश है ,,,आपकी जानकारी के लिए इनके पिता अवैद्य नाथ नही आनंदसिंह जी है और
उत्तरप्रदेश सरकार के सेवा निवृत अधिकारी। अवेद्यनाथ गुरु
थे,,क्योंकि यह मेरे ही गांव के हैं एक ही कॉलेज से शिक्षा ली,,,,,,में
मित्र चंद्र सुभाष रठूरी की बात से पूरी तरह सहमत हूँ ,,यहां सवाल खड़ा होता
है ,,जब आदित्यनाथ सर का पहला नाम अजय सिंह नेगी था ,,तो उन्होंने किस
विधिक प्रक्रिया से अपना नाम ,, आदित्यनाथ रखा ,,स्कूल ,,कॉलेज के
प्रमाणपत्रों में उनका ओरिजनल नाम क्या लिखा ,है ,फिर पिता के स्थान पर
आदरणीय अवेदयनाथ का नाम किस किस विधिक प्रक्रिया से बदलवाकर ,,भारत के
प्रचलित क़ानून में ,,ईश्वर को साक्षी मानकर ,,शपथ पत्र में चुनाव आयोग को
उक्त जानकारी दी ,,यह एक जाँच का विषय है ,,,देश में आर्म्स क़ानून के तहत
एक भी आपराधिक प्रकरण दर्ज वाले व्यक्ति को ,,आर्म्स का लाइसेंस नहीं मिलता
,,लेकिन इनके विरुद्ध तीन मुक़दमे होने पर भी इन्हें लाइसेंस मिला हुआ ,,
है ,,आखिर कुछ तो शख्सियत है इनकी जो इन्हें अल्लाह ने मुख्यमंत्री पद से
नवाज़ा है ,,वैसे नाम परिवर्तन , मामलों की विधिक दस्तावेजो के साथ सूक्ष्म
जांच खुद आदित्यनाथ सर को करवाना चाहिए या फिर खुलासा कर ,,भ्रांतियों को
दूर किया जाना चाहिए ,,खेर अब वोह मुख्यमंत्री तो बन गए है ,,उत्तर प्रदेश
जहाँ विधायक 325**मुख्यमंत्री सांसद**उपमुख्यमंत्री सांसद**उपमुख्यमंत्री
मेयर*बनाये गए है ,,ज़ाहिर है ,,अब उत्तरप्रदेश में दो लोकसभा चुनाव ,,तीन
विधानसभा चुनाव दोबारा से होंगे ,,,खेर एक अच्छे मुख्यमंत्री के लिए जनता
यह भी सह लेगी ,,लेकिन इतना तो सच है ,,जैसे खुद नरेन्द्र मोदी ने ,, खुदी
को कर बुलन्द इतना ,,के खुदा बन्दे से पूंछे तेरी रज़ा क्या है ,,की तर्ज़ पर
बुलन्द किया था और पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष ,,कोर कमेटी सभी से अलग
हठकर खुद प्रधानमंत्री घोषित भी हुए और बने भी ,,इसी तरह से योगी आदित्यनाथ
खुद मुख्यमंत्री घोषित भी हुए ,,और बने भी ,,,उत्तरप्रदेश में ,,योगी
आदित्यनाथ ,कुशल नेतृत्व के रूप में पहचान बनाये हुए है ,,धार्मिक
सन्स्क्रति से जुड़े है वोह उग्र हो सकते है ,,लेकिन निश्चित तोर पर
विनम्रता उनका सिद्धांत होगा ,,राजधर्म निभाना ,,देश के विधान ,,क़ायदे
क़ानून के तहत उन्हें शासन चलाना होगा ,,पिछड़ों को सर्वेक्षण कराकर ,,बराबरी
का दर्जा दिलवाना होगा ,,बाहुबलियों को जेल भिजवाना होगा ,,,,इस काम में
उनके अपने विरोध ज़रूर करेंगे ,,,लेकिन अगर वोह सिद्धांतो के तहत ,विधिसम्मत
चलेंगे तो निश्चित तोर पर उनकी जय जयकार होगी ,,और अगर वोह फिसल गए ,,वोह
बदल गए ,,वोह बहक गए ,,तो यहां हिंदुस्तान में कई आये ,,कई चले गए ,, उनका
नाम लेवा भी नहीं है ,,जिसने आम लोगो के साथ कुछ फायदे की बातें ,की
,इन्साफ किया ,,राजधर्म निभाया ,,वोह यहां आज भी पूजे जाते ,है ,,और राम जी
के जन्म स्थल उत्तर प्रदेश को अब ,,राम राज्य वाला ,,,अपराधमुक्त
,,निष्पक्ष ,,निर्विवाद ,,,सभी का साथ ,,,सभी का विकास ,,के नारे के साथ
आगे बढ़ाकर ,,राम राज्य स्थापित करना है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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