राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड में ज़िला वक़्फ़ कमेटियों के अध्यक्षो की नियुक्ति को
लेकर आगामी तीन अगस्त को जयपुर वक़्फ़ बोर्ड कार्यालय में होने वाली बोर्ड की
दूसरी बैठक में भारी हंगामा होने के आसार नज़र आने लगे है ,,,राजस्थान वक़्फ़
बोर्ड में अबुबक़र नक़वी सरकारी नोकरी छोड़कर आये है और उन्हें चेयरमेन का
पद दिया गया है ,,,वक़्फ़ बोर्ड विधि विधान से संचालित है और वक़्फ़ बोर्ड में
मनमानी के खिलाफ कई बार मुक़दमेबाज़ी होने के बाद विधि विरुद्ध आदेशो को लेकर
बोर्ड को मुंह की खाना पढ़ी है ,,वर्तमान में राजस्थान
वक़्फ़ बोर्ड के अधीनस्थ ज़िलाकमेटीयां कोंग्रेस विचारधारा की बनी हुई है
,,जिनका अधिकतम कार्यकाल 30 अक्टूबर तक बढ़ा हुआ है ,,इस कार्यकाल की अवधि
बढ़ाने वाली बैठक को वर्तमान बोर्ड की बैठक में भी पुष्ठि कर मज़बूती दी गई
है ,,,पता चला है के वक़्फ़ बोर्ड चेयरमेन टोंक ,,कोटा ,,जयपुर ,,जोधपुर
,,अजमेर सहित एक दर्जन ज़िलों की कमेटियां तीन अगस्त को आयोजित बैठक में
गठित करना चाहते है ,,इसके लिए उन्हें पूर्व में 30 अक्टूबर तक अनुमोदित
कमेटी को विधिविरुद्ध तरीके से हटाना होगा ,,,अगर अबूबकर नक़वी ने ऐसा क्या
तो अव्वल तो इसका बैठक में ही विरोध होगा ,,फिर अगर महत्वपूर्ण जगह पर
स्थानीय लोगो से जुड़े प्रतिनिधियों को स्थान नहीं मिला तो बोर्ड के भाजपा
समर्थित सदस्य भी ऐतराज़ कर सकते है ,,,पूर्व भाजपा बोर्ड में जब सलावत अली
खान चेयरमेन थे तो कोटा वक़्फ़ कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल रशीद पेपरवाले को इसी
तरह से समयसीमा पूरी होने के पहले ही हटाया गया था ,,लेकिन अब्दुल रशीद
पेपरवाले इस मामले में वक़्फ़ ट्रब्यूनल में गए जहाँ से ट्रिब्यूनल ने उन्हें
समय पूर्व हठाने का आदेश अवैध मानते हुए ख़ारिज कर दिया ,,जिसके खिलाफ
हाईकोर्ट में भी अपील हुई लेकिन आदेश यथावत रखा ,,खुद भाजपा के चेयरमेन रहे
शोकत अंसारी को कोंग्रेस कार्यकाल में समय पूर्व हटाया गया था ,,लेकिन वोह
भी हाईकोर्ट से स्थगन आदेश लेकर समय सीमा तक काम करते रहे ,,वक़्फ़ बोर्ड
के गठन को काफी समय गुज़र गया है ,,लेकिन अब तक राजस्थान वक़्फ़ बोर्ड ने कोई
ठोस काम नहीं किये है ,,एक बैठक हुई जो विवादित रही ,,,वक़्फ़ ट्रिब्यूनल का
भी पूर्णकालिक गठन नहीं करवाया जा सका है ,,,अभी हाल ही में चेयरमेन वक़्फ़
बोर्ड अबूबकर नक़वी दिल्ली में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री
,,,मुख़्तार अब्बास नक़वी से मिले लेकिन कोई ठोस योजनाए राजस्थान के हक़ में
स्वीकृत नहीं करवाई जा सकी है ,,आगामी तीन अगस्त की बैठक को लेकर कई लोग तो
उन्हें हटाने को लेकर आशंकित होकर क़ानूनी कार्यवाही के लिए तैयार बैठे है
,,जबकि कई लोग अलग अलग ज़िलों में ज़िला वक़्फ़ कमेटियों के सदर नियुक्त होने
के लिए सभी सियासी घोड़े खोले हुए है ,,,देखते है आगामी तीन अगस्त को अबुबक़र
नक़वी और उनकी अध्यक्षता वाले बोर्ड में एक समझदार ,,विधि के ज्ञात
मुख्यकार्यकारी अधिकारी सईद अहमद क्या रुख रखते है ,,जबकि वक़्फ़ मंत्री
डॉक्टर राजेंद्र सिंह राठौड़ सरकार को अदालत के सामने अपमानित होने से बचाएं
के लिए क्या कारगर क़दम उठाते है ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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