आपका-अख्तर खान

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31 जुलाई 2016

जाओ तुम अब

जाओ तुम अब
अपनी मर्ज़ी के मालिक हो ,,
जैसे चाहो जी लो
जो चाहो कर लो
हमारा क्या
हमने तो तुम्हे
ख़ुशी से आज़ाद किया ,,,,
प्यार का पिंजरा खुला है
मन चाहे तब फिर
उड़ कर चले आना
इस प्यार के पिंजर में ,,अख्तर

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