सिखों की हत्या करने के मामले में दोषी छह पुलिस कर्मियों की मौत हो चुकी है। हादसे में शिकार एक विक्टिम।
पीलीभीत.25
साल पहले यूपी के पीलीभीत में फर्जी एनकाउंटर में मारे गए 11 सिखों के
मामले में सोमवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सजा सुना दी। जज लल्लूसिंह
ने दोषी पाए गए सभी 57 पुलिस कर्मियों को उम्र कैद के साथ जुर्माने की सजा
भी सुनाई है। इनमें से 10 पुलिस कर्मियों को मौत के बाद उम्र कैद की सजा
मिली है। जज के फैसले के बाद क्या हुआ, पूरा मामला क्या है...
- जज के फैसले के बाद इनमें से 38 को कोर्ट ने कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया है।
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वहीं, 9 पुलिसवाले अभी भी कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं हुए हैं। इसके अलावा
कोर्ट ने हर विक्टिम फैमिली को 11 लाख रुपए मुआवजा देने का ऑर्डर दिया है।
- दोषियों में शामिल एसएचओ को उम्रकैद के साथ 10 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।
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सब इंस्पेक्टर को उम्रकैद के साथ 8 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।
कॉन्स्टेबल को उम्रकैद के साथ 2.75 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।
बस से उतारकर घुमाते रहे, फिर मार दिया
-तीर्थयात्रा
से लौट रहे सिखों को मार दिया था पीलीभीत में 12 जुलाई 1991 को नानकमथा,
पटना साहिब जैसे तीर्थस्थलों से सिख यात्रियों का जत्था लौट रहा था।
- बस में 25 यात्री थे। पुलिस वालों ने कछालाघाट पुल के पास 12 लोगों को बेवजह बस से उतार लिया।
- इसके बाद तीन थानों की अलग-अलग पुलिस 4-4 लोगों को अपने साथ ले गई।
- रातभर इधर-उधर घुमाने के बाद अगले दिन उन्हें आतंकी बताकर मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया।
- एफआईआर में पुलिस ने इन लोगों को आतंकी बताकर अवैध असलहों से जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया था।
- इसके बाद मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया तो मामले ने तूल पकड़ लिया।
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पीड़ित पक्ष के वकील बोले- फांसी तक जारी रहेगी जंग निर्दोष तीर्थ
यात्रियों के तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने सीबीआई कोर्ट के फैसले पर
असंतुष्टि जताई है।
- उन्होंने कहा दोषियों को फांसी दिलाने के लिए वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
ये लोग पाए गए हैं दोषी
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दोषी पाए गए पुलिसवालों में ज्ञानगिरि, लाखन सिंह, हरपाल सिंह, कृष्णवीर
सिंह, करन सिह नेमचंद्र, सत्येंद्र सिंह, बदन सिंह, मो अनीस, नत्थु सिंह,
वीरपाल सिंह, दिनेश सिंह, अरविंद सिंह, राम नगीना, बिजेंद्र सिंह और अन्य
शामिल हैं।
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