आपका-अख्तर खान

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04 अप्रैल 2016

,हमारा यह देश ,,इंसानो का कम ,,पागलों का ज़्यादा हो गया है

बढ़े अफ़सोस के साथ लिखना पढ़ रहा है ,,हमारा यह देश ,,इंसानो का कम ,,पागलों का ज़्यादा हो गया है ,,,अपने ही घरों को जलाना ,,अपने ही राष्ट्र की सम्पत्ति को स्वाहा करना ,,अपने ही लोगों से झूंठ बोलकर उन बेवक़ूफ़ बनाकर उनसे कुर्सी हथियाना ,फिर उन्हें भूल जाना ,,झूंठ बोलकर ,,झूंठी वीडियो बनकर छात्र नेताओं को फंसाना ,,भारत में रहना होगा तो ,,भारत माता की जय कहना होगा ,, भागवत कहते है ,,तो ओवेसी कहते है गर्दन पर छुरी भी रख दो तो में भारत माता की जय नहीं कहूंगा ,, हाँ मुल्क से मोहब्बत करता हूँ ,,लेकिन ऐसा कोई क़ानून नहीं बनाया गया है ,,यह ज़रूरी हो ,,बदले में बाबा रामदेव उठते है कहते है ,,हम हज़ारो सर काट देंगे ,,कोई जुबांन काटने की बात करता है ,कोई हाथ तो कोई गर्दन काटने की बात करता है ,,कोई भारत छोड़ कर जाने ,,भारत से भगाने की बात करता है ,,यह पागलों का देश हो गया है ,,यहां ,,,यह सब सिर्फ और सिर्फ ,,रोटी ,,कपड़ा ,,मकान ,,रोज़गार ,,भ्रष्टाचार ,,कालाधन वापसी ,,चुनावी वायदों के बारे में चर्चा न हो ,,यह माहौल सिर्फ इसलिए ही तैयार किया जा रहा है ,,सोशल मिडिया ,,प्रिंट मिडिया ,,इलेक्ट्रॉनिक मिडिया भी पगलाया हुआ है ,,सभी किसी न किसी विचारधारा के गुलाम बनकर वकालत करते नज़र आते है ,,गिनती के लोग है जो इस व्यवस्था से कोसो दूर रहकर भी ,,सच के लिए जंग लड़ रहे है ,,वह देश के लिए देश के लोगों के इन्साफ के लिए लिख रहे है ,,लड़ रहे है ,,अफ़सोस है मेरे कुछ मित्र जो आज़ाद ख़याल के थे ,,वह खुद अब सांप्रदायिक होकर मोदी भक्त हो गए है ,,,रहते कांग्रेस में है ,,बात मोदी की करते है ,,में खुद आज़ाद था ,,रहने की कोशिश करता हूँ ,,लेकिन एक पार्टी से जुड़ जाने पर ,,कभी कभी सच नहीं लिख पाने के कारन खुद को शर्मसार महसूस करता हूँ ,,फिर भी जब लिखता हूँ तो मेरी पार्टी के लोगों के साथ जिनके लिए लिखता हूँ उनके भी कोप भाजन का में शिकार बनता हूँ ,, दोस्तों यह पागलों का हिन्दुस्तान ,,इसे हमे बदलना होगा ,,एक कड़वा सच ,,नरेंद्र मोदी निर्वाचित प्रधानमंत्री है ,,वह जैसे भी है ,,उन्हें स्वीकार करना होगा ,,सुझाव देना होंगे ,,विरोध रचनात्मक होना चाहिए ,, लेखन रचनात्मक होना चाहिए ,,मेने तो अपने गिरेहबान में झाँक कर अपनी कमिया देख ली है ,,शर्मिंदा भी हो गया हूँ ,,आप जो सज़ा देंगे उसकी सज़ा पाने के लिए भी तैयार हूँ ,,लेकिन दोस्तों व्यक्ति से न तो नफरत करो ,,न प्यार ,,बस देश को देखो ,,देश के सवा सो करोड़ लोगों को देखो ,,यह कुर्सी की लड़ाई के अखाड़ेबाज हमे तो कहीं का नहीं छोड़ेंगे ,,बाबा जैसे भांड सरकार की सुविधाएं लेकर सरकार के क़ानून के खिलाफ ही बोलेंगे ,,लेकिन हम तो राष्ट्रभक्त है ,,वह सो कोल्ड भक्तो को भूल जाइये प्लीज़ वह सौदागर है ,, अपराधी है जो देश में रह कर देश के क़ानून ,,तिरंगे की बात नहीं करता है ,,राष्ट्रवाद के नाम पर ,,कालाधन वापसी ,,पन्दरह लाख खाते में जमा कराने जैसे जुमलों की बात करता है ,,किसी को किसी के राष्ट्रवाद के प्रमाण की ज़रूरत नहीं ,,यहां देश में क़ानून है जो अपना काम करेगा ,,सो प्लीज़ आज से ,,अभी से हम और आप शपथ ले ले के इस भारत को ,,इस हिन्दुस्तान को ,जुमलेबाजों ,,नौसिखियों ,,पागलों ,,कुर्सी के लालचियों ,,,से आज़ाद कराये ,इसके लिए हम खुलकर लिखे ,फिर वह लेखन चाहे हमारे अपनों के खिलाफ ही क्यों ना जाता हो ,,प्लीज़ ,,प्लीज़ ,,प्लीज़ ,,इस मुल्क को पागलों से आज़ाद करा लो ,,प्लीज़ ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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