आपका-अख्तर खान

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29 अप्रैल 2016

तुम्हारा मेरा प्यार

तुम्हारा मेरा प्यार
फिर प्यार का मिलन
बगिया महकी
फूल खिले ,,
चिडीये चहचहाईं ,,
खुशियों की बौछार हुई ,,
मोर नाच कोयल कूकी
ठंडी हवाई चली ,,,
फूलों की खुशबु
हवाओं की ठंडक में भी महका
तुम्हारा और मेरा प्यार ,,
फिर एक दिन
शक ,,शुबाह ,,इंकार का राक्षस आया
फिर बिखर गया
टूट गया
तुम्हारा मेरा प्यार ,,
बाग़ सुखा ,,
फूल मुरझाए ,,
कोयल भागी ,,मोर फड़फड़ाये ,,
बाग़ सुनसान हुआ ,,,
जहाँ भरोसा था
जहां इक़रार था
जहां मोहब्ब्त थी वहां
फिर बदल गया
तुम्हारा मेरा प्यार ,,
इलज़ाम ,,ज़बरदस्ती ,,
बर्बादी ,,लूटने की कहानिया शुरू हुई ,
देखो ,,कहाँ से कहा ले आया
मुझे और तुम्हे
तुम्हारा मेरा प्यार ,,
आज में जेल में पढ़ा हूँ
और तुम हो विटनेस बॉक्स
मुझे फांसी दिलवाने के लिए मेरे खिलाफ
केसा भटका
केसा ठनका
तुम्हारा मेरा प्यार ,,,,,,,,,
,,फौजदारी मामले की एक पुरकशिश प्यार के अंत की कहानी पर आधारित
अपने अनुभव के आधार पर लिखी है मेने यह पंक्तिया ,,शायद सच हो ,,शायद गलत हो ,,तुम्हारा मेरा प्यार ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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