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04 मार्च 2016

कन्हय्या सच ,,,कंस मामा की जेल से ,

कन्हय्या सच ,,,कंस मामा की जेल से ,,कंस बुराई के प्रतीक को,, खत्म करने के लिए बाहर आया है ,,,,,देश में आज़ादी के बाद आज तक ,,आज़ादी का एक और जश्न ऐसा नहीं बना ,,,,ऐसा तार्किक ,,ऐसा दार्शनिक ,,ऐसा ज़मीनी हक़िाक़त से जुड़ा ,,आक्रामक लेकिन उदार ,सभ्य अल्फ़ाज़ों में ,,आज तक किसी ने भाषण नहीं दिया ,,,आज़ादी के बाद भारत के इतिहास में पहली बार ,,संसद ,,लोकसभा ,,के अंदर अमर्यादित लोगों ,,बकवास बाज़ी करने वाले ,,केन्टीन में गरीबों का हक़ सब्सिडी के साथ खाने वाले सांसदों को ,,खुले रूप से संसद के बाहर ,,जनता की संसद में ,,लाजवाब ,,तार्किक तरीके से ,,सच का दर्पण दिखाया है ,,,चाहे जो भी ,,जो देश में है ,,वोह किसी भी दल ,,किसी भी सियासत से जुड़ा ,,हो किसी भी समाज ,,किसी भी विचारधारा से जुड़ा हो ,,,सच कन्हय्या के जनता की संसद के भाषण में दिए गए ,,भाषण से असहमत नहीं हो सकेगा ,,,ऐसा भाषण ,,ऐसा तर्क ,ऐसे बिन्दुवार जवाब ,,,जो आज तक संसद में कोई भी प्रतिपक्ष ,,कोई भी सांसद ,,कोई भी प्रधानमंत्री ,,प्रतिपक्ष का नेता नहीं सुना दे सका ,,वोह तर्क ,,,वोह सच ,,कड़वा सच ,,तर्कों के साथ कन्हय्या ,,जे एन यु संसद में प्रभावशाली तरीके से पेश कर देश के सर्वश्रेष्ठ बौद्धिक ,,सभ्य भाषा ,,में भाषण देने वाले मुखर वक्ता बन गए है ,,,अब देश की हर शख्सियत भाषण शैली में कन्हैया से दूसरे नंबर पर आ गया है ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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