दोस्तों सोशल मिडिया के सो कोल्ड राष्ट्रभक्तो के छद्म प्रचार अभियान से कई
 लोग प्रभावित है ,,,आम लोगों का क्या उनकी खुद की बुद्धि इस्तेमाल में 
नहीं लेते इसलिए वोह तो भेड़िया आया ,,भेड़िया आया की   तरह कुछ दिन के लिए 
खुद को  राष्ट्रभक्त दिखाने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है ,,लेकिन मेरे एक 
मित्र जिनका बौद्धिक स्तर इन सभी से ऊंचा है ,,,जिनकी अपनी सोच है ,,,मेरे 
यह पसंदीदा मित्र जो बारीकियां तलाश कर छोटे अल्फ़ाज़ों में बढ़ी बात लिखते है
 ,,जब वोह इस छद्म राष्ट्रवाद से प्रभावित होकर ,,सुप्रीमकोर्ट के जज की  
तरह फैसला सुनाने लगे ,,एक तरफा हो गए तो अफ़सोस हुआ ,,और सोचा के बहकाने 
में बुद्धिहीन ही नहीं ,,बुद्धिजीवी भी आ जाते है ,,,,मेरे यह मित्र  आज 
नहीं तो कल समझेंगे फिर छद्म राष्ट्रवाद से अलग हठ कर फिर से ओरिजनल 
राष्ट्रवाद की  तरफ पहले की तरह से आ ही जाएंगे ऐसा मेरा यक़ीन है ,अख्तर

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