शुक्रिया ,,शुक्रिया ,,शुक्रिया ,,उर्दू जुबां के हमदर्दो ,,उर्दू की 
इन्साफ की लड़ाई में शामिल हुए ,,मेरे भाइयो,,, सभी का शुक्रिया ,,,,तहरीक ऐ
 उर्दू राजस्थान के ,,,को कन्वीनर ,,,की हैसियत से ,,,में  तहरीक ऐ उर्दू 
राजस्थान के,,, मंजुर साहब ,,,क़ाज़ी ऐ शहर कोटा अनवार अहमद साहब ,,नायब क़ाज़ी
 ज़ुबेर अहमद साहब सहित सभी का शुक्रिया अदा कर मुबारकबाद देता हूँ ,,के 
उनके इंक़लाब ,,उनकी एक जुटता के बाद ,,पहले उर्दू विषय हटाने के फैसले को 
सरकार ने संशोधित किया और माशा अल्लाह  ,,, अब ,,राजस्थान लोक सेवा आयोग से
 चयनित होकर भी,,, एक साल से भी अधिक समय से नियुक्तियों के इन्तिज़ार 
में,,, भटक रहे ,उर्दू के दो सो दस ,,,लेक्चर्रर्स को काफी ना नुकुर के 
बाद,, नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है ,,कल पहली कॉन्सिलिंग में ,,पहली 
सूचि जारी हुई ,,,तो नियुक्त हुए लेक्चरर्स के चेहरे की खुशियां और उनकी 
आँखों में ख़ुशी के आंसू देखने लायक थे ,,इन नियुक्तियों के बाद कोटा सहित 
राजस्थान के अधिकतम स्कूलों में,,, रिक्त पढ़े उर्दू लेक्चरर के पद ,,,लगभग 
भर जाएंगे ,,,,दोस्तों इस लड़ाई में जो भी शामिल रहा ,,उनका में तहे दिल से 
शुक्रगुज़ार हु ,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद का नेतृत्व ,,सभी उर्दू के 
हमदर्दो की एकजुटता ,,मदद ,,,ने यह ना मुमकिन कमाल कर दिखाया है ,,हमे एक 
रौशनी ,,एक रास्ता दिखाया है ,,,पहले एक बढ़ी रैली के बाद ,,राजस्थान में 
खत्म किये गए,,, उर्दू के पदो को बहाल करने की लड़ाई ,,आप लोगों के हौसले 
से,,, हम जीत चुके है ,,,,हम तहे दिल से  शुक्रगुज़ार है ,,राजस्थान की 
मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के ,,,, शुक्रगुज़ार है ,,सचिव तन्मय कुमार के 
,,मुख्यसचिव साहब के ,,हम शुक्रगुज़ार है,,, सचिन पायलेट ,,रामेश्वर डूडी 
,,निज़ाम कुरैशी ,,अशोक गेहलोत ,,,बनास स्टोन के असद अनवर ,,,राजेन्द्र 
राठोड ,,युनुस खान ,,,विधायक हबीबुर्रहमान ,,,पंकज मेहता ,,ओम बिरला 
,प्रह्लाद गुंजल ,,संदीप शर्मा ,,शानति धारीवाल ,,पॉपुलर फ्रंट ,,एस डी पी 
आई ,,,वेलफेयर पार्टी सहित ,,,सभी उन मददगारों के ,,,जिन्होंने उर्दू के 
मसले पर ,,,,हमारी खुल कर मदद की ,,,हम शुक्रगुज़ार है,,, कोटा के पुलिस 
अधीक्षक ,,कोटा के कलेक्टर ,,,कोटा के शिक्षा उपनिदेशक ,,पूर्व  शिक्षा 
निदेशक सुआलाल के ,,,हम खासतौर से शुक्रगुज़ार है ,,,राजस्थान के गृहमंत्री 
गुलाब कटारियां के ,,,आर सी ऐ के अमीन पठान के ,,,अमीन क़ायम खानी के 
,,मुदस्सर भाई के ,,ज़ाकिर भाई ,,नवाब भाई ,,मुज़फ्फर भाई ,,,अमीन खान     
,,,रफ़ीक़ बेलियम ,,डॉक्टर शमशाद अली सहित ,,,सभी उन भाइयों ,,,उन बहनो के 
,,,जिन्होंने इस लड़ाई में ,,,एक जुटता दिखाई ,,हमे होसला दिया ,,,हमे 
हिम्मत दिलाई ,,,लेकिन दोस्तों ,,,यह कामयाबी ,,यह जीत ,,,इतराने वाली नहीं
 है ,,हमारा जितना हक़ था ,,हमे उससे आधा भी नहीं मिला है ,,अभी तो हमारी 
लड़ाई ,,हमारा संघर्ष और बाक़ी है ,,अभी हमे हमारी लड़ाई के साथ साथ हमारे 
फ़र्ज़ों को निभाना है ,,हम टीचर है ,,लेचरर है ,,हमे सोचना होगा ,,,के 
स्कूलों में वक़्त पर पहुंचे ,,वक़्त पर बच्चो को पढ़ाये ,,बच्चो के नामांकन 
घर घर  जाकर उन्हें  प्रेरित कर,,, उर्दू में ऐडमिशन दिलवाएं ,,,,स्कूल के 
मदरसों में ,,,उर्दू का माहोल बनाये ,,अपने क्षेत्र के लोगों को ,,उर्दू 
पढ़ने और  उर्दू में ऐडमिशन लेने के लिए प्रेरित करे ,,हमे देखना होगा 
,,जहाँ बीस बच्चे उर्दू पढ़ने वाले है ,वहां सरकार से अपने हक़ के तोर पर 
उर्दू विषय खुलवाये ,,उर्दू के बच्चो को ऐसी बेहतरीन तालीम दे के उनकी 
ज़हानत पर कोई ऊँगली न उठा सके ,,हमारे लहजे में,, उर्दू की तहज़ीब हो 
,,उर्दू का माहोल हो ,,,,मुशायरों और तकरीरों में ,,हम उर्दू अदब का माहोल 
तय्यार करे   राजस्थान के सभी स्कूलों में अभी सेकंड ग्रेड ,,थर्ड ग्रेड के
 उर्दू शिक्षको के रिक्त पढ़े पदो पर नियुक्ति ,,नए पद सृजन की लड़ाई अभी 
बाक़ी है ,,कई जगह उर्दू बेवजह बंद की गई है ,,कई जगह दर्जनो उर्दू के बच्चे
 है लेकिन उर्दू पढ़ाने वाला नहीं है ,,यह लड़ाई अभी और बाक़ी है ,,फिर भी 
वर्तमान में ,,,सरकार ने हमे फिर से उर्दू की ज़िम्मेदारी दी है ,,हम सरकार 
की ख्वाहिशात की कसोटी पर, खरा उतरने की कोशिश करे ,,खुद अपने निजी स्वार्थ
 ,,,दूरदराज़ से हठ कर अपनी मनचाही जगह पर लगने की कोशिश में,,,,उर्दू पढ़ाना
 छोड़कर दूसरे विषय पढ़ाने में,,,, दिलचस्पी न दिखाए ,,सच तो यह है के जो 
मुसीबत हम पर आई थी ,,उसके लिए अगर हम अपने गिरेहबान में झांक कर देखे 
,,,तो हम भी ज़िम्मेदार रहे है ,,लेकिन वक़्त निकल गया ,,अब जीत का जश्न है 
,,,इस जश्न को मनाये और वायदा करे ,,,खुद से ,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान से 
,,,के इंशा अल्लाह ,,,अब सब  अपने अपने स्कूल के इलाक़ों में ,,,उर्दू के 
नामांकन कम नहीं होने देंगे ,,एक माहोल बनाएंगे ,,उर्दू हमारी आज़ादी की 
जुबांन है ,,इंक़लाब ज़िंदाबाद का नारा देने वाली जुबां है ,,,सारे जहाँ से 
अच्छा हिंदुस्तान हमारा ,,स्लोगन देने वाली ज़ुबान है ,,क़ौमी एकता का 
नारा,,,, मज़हब नहीं सिखाता आपस में बेर रखना ,, सिखाने वाली ज़ुबान है ,, 
फिल्मों में गीत ,,मौसीक़ी देने वाली जुबां है ,,ऐसे में एक बार फिर हम 
वायदा करे खुद अपने आप से ,,,यह उर्दू का सूरज जो उगा है ,,,इसे अब हम 
डूबने नहीं देंगे ,,एक बार फिर सभी का शुक्रिया ,,,अख्तर खान अकेला कोटा 
राजस्थान

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