में कोटा हूँ ,,में रोता ,,बिलखकता , ,,सियासी उपेक्षा से त्रस्त अपनी दर्द
भरी कहानी कुछ इस तरह से कहता हूँ ,,,,,,,कोटा स्मार्ट सिटी में शामिल
,,मिडिया और जनप्रतिनिधियो के बल्ले बल्ले ,,मिडिया को काम मिला
,,जनप्रतिनिधियो को बयानबाज़ी ,,मेने उस वक़्त भी साफ कहा था ,,स्मार्ट सिटी
कोटा ,,जिसे कांग्रेस के पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल ,,पूर्व में ही
महा स्मार्ट बना चुके है ,,इससे ज़्यादा स्मार्ट नहीं बन सकेगी ,,,क्योंकि
स्मार्ट सिटी के लिए सबसे पहले ,,सुगम आवागमन के लिए ,,एक अदद स्मार्ट
एयरपोर्ट की ज़रूरत होती है ,,,जो सियासी उपेक्षा के कारण कोटा में सम्भव
नहीं हो पा रहा है ,,,पहले एयरपोर्ट फिर कोटा का अतिरिक्त विकास ,,अतिरिक्त
स्मार्टनेस ,,खुद शांतिधरीवाल पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार ने ,,पिछले
दिनों ,,महापौर महेश विजयवर्गीय और कोटा की जनता को एक कार्यक्रम में
विनम्र भाषा में समझाया था ,,के यह नाम की स्मार्ट सिटी ,,सम्भव लगती ,,अभी
बहुत पापड बेलना है ,,,सही कहा था ,,स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट
प्रतिनिधित्व ,,स्मार्ट प्रतिपक्ष चाहिए ,,हमारे कोटा में तो भाजपा ने तो
एक भी मंत्री नहीं बनाया ,,एक भी मंत्री दर्जे का प्रतिनिधि नियुक्त नहीं
किया ,,भाजपा तो खेर हाड़ोती में कोटा से सियासी नाराज़गी रखती है ,,लेकिन
हमारी कांग्रेस भी स्मार्ट नहीं रह सकी ,,,कोटा नगर निगम के चुनाव को साल
भर से कई अधिक ज़्यादा वक़्त निकल गया , ,लेकिन कांग्रेस ने गिनती के पार्षदो
में से प्रतिपक्ष का नेता मनोनीत नहीं किया ,,अब हमारे लिए खुद सोचने की
बात है जब ,,कोटा में भाजपा की तरफ का एक भी मंत्री ,,या मंत्री दर्जा
प्रतिनिधि कोटा में नहीं है ,,जब मुखर और व्यवस्थित विरोध के लिए हमारे
कोटा कांग्रेस में नगरनिगम जो स्मार्ट सिटी की नोडल एजेंसी होती है ,,उसके
पार्षदो का प्रतिपक्ष नेता नहीं है ,,तो फिर हम यूँ ही ,,सियासत करते रहे
तो बात अलग है ,,लेकिन कोटा के साथ तो सभी ने विश्वासघात किया है
,,,,,,,एयर पोर्ट का वायदा झूंठा साबित हुआ ,,,,,,,,,,स्मार्ट सिटी का
वायदा झूंठा साबित हुआ ,,खुद मुख्यमंत्री की आज तक कोटा में जनसुनवाई करने
की हिम्मत कोटा की उपेक्षा के चलते नहीं हो सकी ,,जबकि कई दर्जन बार
कार्यक्रम बने ,,मुख्यमंत्री आएँगी सरकार आएगी का हव्वा खड़ा हुआ लेकिन
अफ़सोस हर बार ,,जनसुनवाई रद्द होती चली गई ,,और कोटा पिछड़ता चला गया
,,पिछड़ता चला गया ,,,कांग्रेस ने कोटा को जहाँ छोड़ा था ,,आज कोटा उस जगह से
कई मील पीछे हो गया है ,,,,,ज़रा जागो कोटा वासियो ,,सियासत में कुछ नहीं
रखा ,,सियासी समझौतों में कुछ नहीं रखा है ,,पार्टियो के नेताओ के आगे दुम
हिलाने में कुछ नहीं लिखा है ,,अपने अपने नेताओ ,,पार्टियो ,,मिडिया वालों
को इस सच को उजागर कर दिखाओ ,,ताके सियासी उपेक्षा का शिकार ,,,यह कोटा
मज़बूत बन सके ,,स्मार्ट बन सके ,,यह क़ुदरत की ही सितम ज़रीफी है ,,जो शहर
,,हिन्दुस्तान को डॉक्टर ,,इंजिनियर ,,,सी ऐ ,,सहित कई महत्वपूर्ण
प्रशासनिक अधिकारी दे रहा है ,,देश को पानी ,,बिजली दे रहा है ,,पत्थर
,,कोटा डोरिया दे रहा है ,,वही कोटा स्मार्ट नहीं हो पा रहा है ,,,थू है
ऐसी सियासत पर ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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