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15 जनवरी 2016

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के तात्कालिक प्राचार्य ,,अधिकारी और घोटालो से नियुक्ति प्राप्त करने वाले सत्राह अभियुक्त प्रमाणित अपराध होने के बाद भी भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किये जा रहे

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के तात्कालिक प्राचार्य ,,अधिकारी और घोटालो से नियुक्ति प्राप्त करने वाले सत्राह अभियुक्त प्रमाणित अपराध होने के बाद भी भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किये जा रहे है ,,बस भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस अदालत से भी प्रगति रिपोर्ट की सुचना के नाम पर आँख मिचोली खेल रही है और अब तक अपराधी खुलेआम घूम रहे है ,,,,,,,,,,,,,,,,कहते है,,, पुलिस एक छोटे सटोरिये को पकड़कर,,, अखबारों में बढ़ी खबरे ,,और फोटु छपवाती है ,,लेकिन जब बात सफेदपोश घोटालेबाजों की होती है,,, तो पुख्ता सुबूत होने के बाद भी ,,अपराधियो को गिरफ्तार करने की जगह,,, उन्हें ढील दी जाती है ,,यहां तक के,, फरियादी अगर अदालत और हाईकोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाले,,, तो घोटालेबाजो से सांठगाँठ करने वाले भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस के यह अधिकारी,,, इन्हे छोड़कर ना जाने किस तरह से ,,,भरष्टाचार निरोधक पुलिस की भूमिका निभाते है ,,,जी हाँ दोस्तों झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के घोटालेबाज़ जिन्हे महारानी वसुंधरा सिंधिया की पूरी शह है ,,इनके खिलाफ मेडिकल कॉलेज में रूपये लेकर नियुक्ति देने का मामला जब उजागर हुआ तो ,,कोटा ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी के कार्यकर्ता ,,आर टी आई एक्टिविस्ट आकाशवाणी कॉलोनी निवासी अब्दुल सलाम शेरवानी ने कोटा भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय में एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,आबिद अब्बासी के ज़रिये एक इस्तिग़ासा पेश कर दोषी लोगों की गिरफ्तारी के लिए सुबूत पेश किये थे ,,पहले तो भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस इस इस्तिग़ासे को लेकर महीनो बैठी रही ,,फिर अदालत द्वारा कार्यवाही के बाद ,,परिवाद में आरोपित लोगों को बचाते हुए कुछ लोगों के खिलाफ परिवाद के तथ्यों के विपरीत खुद अनुसंधान अधिकारी की तरफ से ही एफ आई आर लिखी गई ,,सुनते है इस मामले में कुछ आरोपी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के चुनाव क्षेत्र झालावाड़ से संबंधित होने के कारण उन्हें बचाया जा रहा है ,,इसके पहले कांग्रेस सरकार के एक मंत्री के यह आरोपी और पुलिसकर्मी वरद हस्त थे ,,,परिवादी सलाम शेरवानी ने सभी दस्तावेजी सुबूत पेश किये इसलिए यह प्रकरण भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस के लिए भी गले की हड्डी बन गया ,,,भ्रस्टाचार निरोधक पुलिस ने फिर इस मामले को ठंडे बसते में डाला लेकिन फरियादी और वकील अख्तर खान अकेला तू डाल डाल ,,में पात पात का खेल खेलते रहे ,,,पहले कोटा भ्रस्टाचार निरोधक अदालत ने पुलिस को लताड़ पिलाई फिर राजस्थान हायकोर्ट ने इस मामले में नवंबर तक की डेड लाइन दी ,,फिर पुलिस की सांठ गाँठ जारी रही ,,नतीजन परिवादी सलाम शेरवानी को फिर कोटा की अदालत में अपने वकील अख़्तर खान अकेला के ज़रिये प्रगति रिपोर्ट मामले में प्रार्थना पत्र पेश करना पढ़ा ,,,अदालत में सोलह जनवरी को फिर प्रार्थना पत्र पेश किया जिसमे पुलिस ने सत्राह लोगों को दोषी मानकर गिरफ्तारी के प्रयास जारी रखना लिखित में स्वीकार किया है ,,कितनी अजीब बायत है मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के क्षेत्र का चिकित्सा घोटाला ,,,,मुख्यमंत्री के क्षेत्र के भ्रष्टाचारियो पर पुलिस की महरबानियाँ ,स्वीकारित अपराधी होने पर भी कई वर्षो तक उनकी उपब्धता होने पर भी कोई गिरफ्तारी नहीं ,,,,ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार और मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार ,,मुख्यमंत्री की पुलिस और अपराधियो की सांठ गाँठ के चर्चे गिरफ्तारी में जानबूझ कर की जारही देरी के पुख्ता सुबूत होने पर भी विपक्ष के कुछ नेताओ की खुली चुप्पी चोर चोर मोसेरे भाई की कहानी कहती है ,,,,,,,,,,,,,,,कहावत है बकरे की माँ आखिर कब तक खेर मनाएगी ,,यह कहावत झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के नियुक्ति घोटाले के सरताजो को बचाने वाले भ्रष्टाचार निरोधक विभाग और उनके चहेतो के लिए सही साबित होने जा रही है ,,,,वर्ष दो हज़ार तेरह में कोटा के अब्दुल सलाम शेरवानी ने एडवोकेट अख्तर खान अकेला के ज़रिये कोटा भ्रस्टाचार निरोधक न्यायालय के ज़रिये एक परिवाद तात्कालिक झालावाड़ अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर सुषमा पाण्डे ,,डीन डॉक्टर पी के गुप्ता ,,,हरिशंकर वर्मा ,,ओमेन्द्र माथुर ,,मनोज गोयल सहित कई लोगों के खिलाफ मेडिकल कॉलेज में फ़र्ज़ी नियुक्त्या कर अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने का मुक़दमा दर्ज करवाया था ,,भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस ने अपराधियो से सांठ गाँठ कर कई महीनो बाद मुख्य अभियुक्तो के नाम निकाल कर परिवाद का सार बदल कर परिवाद के तथ्य तो ताक़ में रख दिए और खुद ने एक नई प्रथम सुचना रिपोर्ट 127 /13 दर्ज कर अपराधियो को खुला छोड़ दिया ,,इस मामले में फरियादी सलाम शेरवानी ने हार नहीं मानी पहले कोटा भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में भ्रस्टाचार पुलिस के तथ्य उजागर कर कार्यवाही की मांग की ,,अदालत ने पत्रावली तलब की मजबूरीवश पुलिस को लाभार्थियों को भी अभियुक्त बनाने के बारे में अंडरटेकिंग देना पढ़ी ,,फिर पुलिस और भ्रष्टाचार के आरोपियों की सांठ गाँठ चलती रही ,,मिडिया मैनेजमेंट चलता रहा ,,फिर फरियादी सलाम शेरवानी को वक़्त निकलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस के खिलाफ त्वरित तफ्तीश का प्रार्थना पत्र पेश करना पढ़ा ,,पुलिस ने सभी को अभियुक्त मानकर एक माह में कार्यवाही करने बाबत भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में अंडरटेकिंग दी ,,लेकिन पुलिस और अपराधियो के बीच ना जाने कोनसे संबंध है जो अभी तक भ्रस्टाचार पुलिस इन काले कारनामे करने वाले सफेदपोश अपराधियो को अब तक नहीं पकड़ सकी है ,,खेर फरियादी ने इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया ,,हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस को नोटिस जारी किये ,,पत्रावली का अवलोकन किया और नवंबर तक इस मामले में कार्यवाही के निर्देश जारी कर कोटा भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस के लिए डेड़ लाइन घोषित कर दी है ,,,अब देखना है के कोटा भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के नियुक्ति घोटाले आरोपियों को क्या बहाना कर बचाने का प्रयास करती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे कुछ लोगों का कहना है के कोटा भ्रष्टाचार पुलिस इस मामले में सफेद पॉश अपराधियो को छोड़ने के लिए पहले नियुक्ति प्राप्त करने वाले छोटे आरोपियों को अपना निशाना बनाकर जांच को भटका सकती है ,,खेर जो भी हो लेकिन अब कहावत सच होने वाली है के ,,बकरे की माँ कब तक खेर मनाएगी ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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