नई दिल्ली. देश में कथित तौर पर बढ़ते इन्टॉलरेंस के विरोध में
कांग्रेस ने मंगलवार को पॉर्लियामेंट से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च
निकाला। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी,
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कई सीनियर कांग्रेसी लीडर शामिल हुए। नेताओं ने
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कांग्रेसी नेताओं
ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और आरएसएस देश में माहौल बिगाड़ने की साजिश रच
रही है।
क्या कहा सोनिया ने?
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया ने कहा, ''इस मेमोरेंडम में भय,
धमकी और असहनशीलता का माहौल बनाए जाने पर गहरी चिंता जताई गई है। जो घटनाएं
आजकल हो रही हैं, वे जानबूझकर रची गईं साजिश का हिस्सा हैं। इन घटनाओं से
जुड़े लोग मोदी जी की सरकार का हिस्सा हैं। इन्टॉलरेंस को खूब बढ़ावा दिया
जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ऐसी शक्तियों से पूरी ताकत से मुकाबला करेगी।
राष्ट्रपति ने अपने विचार प्रकट किए हैं, लेकिन पीएम खामोश हैं। यह साफ तौर
पर दिखाता है कि पीएम की इन तरह की घटनाओं पर सहमति है। ''
क्या कहा राहुल ने?
राहुल ने कहा, ''बड़े पैमाने पर लेखकों और साहित्यकारों की हत्याएं
हो रही हैं। सरकार के मंत्री अनप-शनाप बयान दे रहे हैं लेकिन पीएम एक शब्द
नहीं कह रहे हैं। लोग देश में खराब होते माहौल से परेशान हैं। उनके मंत्री
कह रहे हैं कि देश में सबकुछ ठीक है। इसका मतलब ये है कि भारत की
आइडियोलॉजी को मानते ही नहीं है। ऐसे लोगों को सरकार की शह है। आरएसएस और
बीजेपी के लोग इस तरह की घटनाओं के पीछे हैं।''
काैन से नेता हुए शामिल?
कड़ी सुरक्षा में निकाले गए इस मार्च में शामिल कांग्रेसी नेताओं के
हाथों में प्लेकार्ड थे। इन पर मोदी सरकार के खिलाफ नारे लिखे हुए थे।
कांग्रेस का 11 मेंबर्स का डेलिगेशन राष्ट्रपति से मिलने पहुंचा। इन नेताओं
में सोनिया, राहुल के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन
खड़गे, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद
शर्मा, सचिन पायलट भी शामिल थे।
सोमवार को भी प्रेसिडेंट से मिली थीं सोनिया
बता दें कि कांग्रेस ने नाथूराम गोडसे के महात्मा गांधी को गोली मारने
वाली जगह से मार्च निकालने की परमीशन मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा
का हवाला देते हुए इसकी इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद संसद भवन स्थित गांधी
प्रतिमा से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने का फैसला लिया गया। सोनिया
सोमवार को भी प्रेसिडेंट से मिली थीं। सोनिया गांधी ने उन्हें बताया था कि
कांग्रेस के नेता एक मार्च निकालकर उनसे इसलिए मिलना चाहते हैं, क्योंकि
कम्युनल फोर्सेज देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं।
पार्लियामेंट के विंटर सेशन में भी सरकार को घेरेंगे
कांग्रेस इन्टॉलरेंस के मुद्दे पर बेहद अटैकिंग रवैया अपनाने वाली है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस मामले में मोदी सरकार को विंटर
सेशन के दौरान घेरेगी। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस तरह के मार्च
निकालने से बिहार में 5 नवंबर को होने वाले लास्ट फेस के इलेक्शन में
महागठबंधन को फायदा होगा। गौरतलब है कि लास्ट फेज में मुस्लिम बहुल इलाकों
कटिहार, पूर्णियां, किशनगंज और अररिया में वोट डाले जाने हैं।
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