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03 नवंबर 2015

सम्मान लोटा कर ज़मीर वालों को जगाया जाता है

सम्मान लोटा कर ज़मीर वालों को जगाया जाता है ,,जो बेगैरत हो जाते है ,,,जिनका ज़मीर मर जाता है ,,,जो चमचो और चापलूसों से घिर जाते है ,,वोह ध्रतराष्ट्र बन जाते है ,,उन्हें इन्साफ ,,देश ,,समाज ,,राष्ट्रीयता से कोई वास्ता नहीं होता वोह पुरस्कार ,,सम्मान लौटाने के साहसिक क़दम के भी आलोचक हो जाते है और एक ज़र खरीद गुलाम की तरह पूपाडी बनकर गुलामी का राग अलाप कर देश को ग़र्क़ में ले जाते है ,,यह लोग ठीक वैसे ही एक कथा के पात्र है ,,जिसमे एक राजा को बिना कपड़ों के नंगा घुमाया जाता है ,,और जब इस राजा को निष्पक्ष लोग नंगा कहते है तो चमचे कहते है ,,नहीं आप ने कपड़े पहन रखे है ,,आपके खूबसूरत कपड़ों से यह लोग ईर्ष्या रखते है इसलिए झूंठ बोल रहे है ,,,नंगा राजा खुद का तन बदन नंगे पन से छुपाने की जगह ,,सच कहने वालों को हंटर की सज़ा देता है और झूंठ बोलकर राजा को नंगा रखने वालों की जेबे इनाम से भर देता है ,,,,उफ्फ्फ ,,,क्या आलम है ,,क्या होगा मेरे इस भारत महान का ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कब जागेगा मेरा हिन्दुस्तान ,,,,अख्तर

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