नई दिल्ली. इंडोनेशिया से शुक्रवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की हिरासत में भेज दिया
है। पटियाला मजिस्ट्रेट देर रात सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे। उन्होंने फर्जी
पासपोर्ट मामले में छोटा राजन को 5 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा। इसके
पहले राजन ने भारतीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों को मुंबई के उन पुलिसवालों
के नाम बताए हैं, जो डॉन दाऊद इब्राहिम के मददगार रहे हैं। ऐसा दावा कुछ
मीडिया रिपोर्ट्स में किया गया है। मुंबई में छोटा राजन के खिलाफ 75 से
ज्यादा केस दर्ज हैं। इससे पहले राजन को इंडोनेशिया की राजधानी बाली से
चार्टेड प्लेन से 27 साल बाद भारत लाया गया। शुक्रवार को ही एम्स में राजन
का मेडिकल टेस्ट किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ट करने वाले
डॉक्टरों के पैनल का कहना है कि राजन की सेहत ठीक है और उसे कोई गंभीर
बीमारी नहीं है। पैनल में नेफ्रोलॉजिस्ट भी शामिल हैं। इससे पहले आई खबरों
में कहा गया था कि छोटा राजन की किडनी फेल हो चुकी है और उसे जेल में
डायलिसिस मशीन की जरूरत पड़ेगी।
दाऊद के पूर्व वकील ने कहा-उनका मुवक्किल आर्थर रोड जेल नहीं जाना चाहता था
इस बीच, दाऊद इब्राहिम के पूर्व वकील श्याम केसवानी ने दावा किया है
कि उनके मुवक्किल रहे डॉन ने सरेंडर करने के लिए वही शर्तें रखी थीं, जो
छोटा राजन ने रखी हैं। केसवानी का यह भी कहना है कि दाऊद और शकील भी इसी
शर्त पर सरेंडर करना चाहते थे कि उन्हें आर्थर रोड जेल में न रखा जाए।
भारत की जमीन को चूमा?
शुक्रवार की सुबह दिल्ली पहुंचे छोटा राजन के बारे में कुछ टीवी
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर
लैंड करने के बाद राजन ने भारत की धरती को चूमा। वह खुद को देशभक्त के तौर
पर प्रोजेक्ट करता रहा है। भारत लाए जाने के बाद उसे किसी सीक्रेट लोकेशन
पर ले जाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी।
हमशक्ल भी हायर किया गया?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि छोटा राजन की
सिक्युरिटी के मद्देनजर उसका एक हमशक्ल भी हायर किया गया है। ऐसा मीडिया और
संभावित हमलावरों को भटकाने के मकसद से किया गया है। एक रिपोर्ट के
मुताबिक, राजन के दिल्ली पहुंचने के बाद कुछ मीडियावालों ने उसकी गाड़ी का
पीछा किया। बाद में पता चला कि वे राजन की डमी का पीछा कर रहे हैं। असली
छोटा राजन को तो डिटेंशन सेंटर पर पहुंचाया जा चुका है।
क्यों हायर किया गया राजन का डुप्लिकेट?
>राजन के डुप्लिकेट की बीते तीन दिन से तलाश चल रही थी।
राजन को न केवल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, बल्कि अपने ही गैंग के कुछ
लोगों से भी खतरा है। ये वे लोग हैं जो राजन के दुश्मन छोटा शकील से मिल गए
हैं या पेमेंट और दूसरे मुद्दों की वजह से राजन से बेहद नाराज बताए जाते
हैं।
>माना जा रहा है कि कुछ राजनेताओं और सिक्युरिटी अफसरों से
भी राजन को खतरा हो सकता है। इनके और राजन के पुराने रिश्तों का खुलासा
उससे पूछताछ में हो सकता है। ऐसे में, वे भी राजन को नुकसान पहुंचाने की
कोशिश कर सकते हैं। राजन ने खुद कहा था कि मुंबई पुलिस के कई अफसरों के
दाऊद से रिश्ते हैं। शायद इसी वजह से राजन के मुंबई से जुड़े सारे केस
सीबीआई को सौंप दिए गए हैं। राजन को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा।
कैसे काम करेगा राजन का डुप्लिकेट?
>राजन को दिल्ली या मुंबई ले जाए जाने के दौरान उसका
डुप्लिकेट चौबीसों घंटे उसके साथ रहेगा। यहां तक कि हाई सिक्युरिटी जेल के
अंदर भी वह मौजूद रहेगा।
>डुप्लिकेट और छोटा राजन को एक जैसी सिक्युरिटी में रखा
जाएगा। ऐसी सिक्युरिटी कोर्ट, हॉस्पिटल या डिटेंशन सेंटर ले जाए जाने के
दौरान रखी जाएगी, ताकि किसी को शक न हो।
>राजन और उसका डुप्लिकेट एक जैसी कारों में सफर करेंगे। इस
दौरान सिक्युरिटी में तैनात जवान दोनों के चेहरों पर मास्क डाले रहेंगे।
करीब 25-30 कमांडो सिक्युरिटी में होंगे। ये असॉल्ट राइफल, एमपी 5 मशीनगन
और ग्लॉक पिस्टल्स से लैस होंगे।
>राजन की सिक्युरिटी से जुड़े एक सीनियर अफसर ने एक
अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा कि एसपीजी की सुरक्षा पाने वाले लोगों
जैसा ही मॉक ड्रिल छोटा राजन के लिए भी अपनाया जाएगा।
बुलेटप्रूफ गाड़ी में लाया गया राजन
सुबह चार बजे से ही दिल्ली एयरपोर्ट पर सिक्युरिटी बढ़ा दी गई थी।
सुबह करीब पांच बजकर 45 मिनट पर विशेष विमान पालम एयरपोर्ट पर उतरा। वहां
से कड़ी सिक्युरिटी में एक खास बुलेटप्रूफ कार में बैठाकर राजन को सीबीआई
हेडक्वार्टर्स लाया गया। इस ऑफिस में सीबीआई और दिल्ली पुलिस के कई बड़े
अधिकारी मौजूद थे। इससे पहले, राजन को मंगलवार को ही भारत लाया जाने वाला
था, लेकिन ज्वालामुखी फटने के बाद आसमान में छाई राख के चलते बाली में सभी
उड़ाने कैंसल हो गई थीं।
राजन बोला- मैं खुश हूं
बाली पुलिस के लॉकअप से गुरुवार को बाहर आने के बाद छोटा राजन ने
मीडिया से कहा है कि वह भारत लौटने को लेकर काफी खुश है। मंगलवार को राजन
ने कहा था, ''मुंबई पुलिस ने मुझ पर काफी अत्याचार किया है। मेरे साथ बुरा
बर्ताव किया।'' यह पूछे जाने पर कि क्या भारत जाने के बाद उसे मुंबई जाने
में डर लगता है या क्या वह दिल्ली जाना चाहेगा, राजन ने कहा, ''मैं दाऊद से
नहीं डरता। मैं सारी जिंदगी आतंक के खिलाफ लड़ा हूं और आगे भी लड़ूंगा।
सरकार जहां चाहे, मुझे ले जा सकती है। मुझे बस न्याय चाहिए।''
कौन है छोटा राजन
छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। उसका जन्म मुंबई के
चेंबूर इलाके की तिलक नगर बस्ती में हुआ था। स्कूल छोड़ने के बाद छोटा राजन
मुंबई में फिल्म टिकट ब्लैक करने लगा। इसी बीच वह राजन नायर गैंग में
शामिल हो गया। अंडरवर्ल्ड की दुनिया में नायर को 'बड़ा राजन' के नाम से
जाना जाता था। समय के साथ राजेंद्र (छोटा राजन) बड़ा राजन का करीबी बना और
उसकी मौत के बाद गैंग का सरगना बन गया।
छोटा राजन पर दर्ज हैं कई मामले
छोटा राजन पर भारत में 65 से ज्यादा क्रिमिनल केस दर्ज हैं। राजन के
नायर गैंग में रहते हुए उस पर अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश
के मामले दर्ज थे। दाऊद के साथ आने के बाद उसका क्राइम ग्राफ बढ़ गया। भारत
में उसके खिलाफ 20 से ज्यादा लोगों के मर्डर का भी केस दर्ज हैं। सन 2011
में मुंबई के सीनियर जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे के मर्डर में भी उसका हाथ
माना जाता है।
दाऊद की दोस्ती ने बढ़ाई ताकत, 1993 ब्लास्ट के बाद हुई दुश्मनी
राजन नायर गैंग में काम करते हुए उसे छोटा राजन बुलाया जाने लगा। इसी
दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से उसकी जान-पहचान हुई। दोनों साथ
मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, स्मगलिंग जैसे काम करने लगे। 1988 में राजन
दुबई चला गया। इसके बाद दाऊद और राजन मिलकर भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में
गैर कानूनी काम करने लगे। लेकिन बाबरी कांड के बाद 1993 में मुंबई बम
ब्लास्ट ने राजन को दहला दिया। जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ
है, तो वह उसका दु्श्मन बन बैठा। उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग
बना लिया। दोनों एक-दूसरे के जानी-दुश्मन बन बैठे।
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