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11 अक्तूबर 2015

PM ने तोड़ी चुप्पी, कहा-रिजर्वेशन कोई नहीं छीन सकता, झूठ फैलाया जा रहा है

फोटो- जेपी की जयंती के मौके पर हुए प्रोग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी।
फोटो- जेपी की जयंती के मौके पर हुए प्रोग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी।
मुंबई/नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजर्वेशन के मुद्दे पर कहा है कि यह जारी रहेगा। मुंबई में बाबा साहब से जुड़े एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'आरक्षण कोई छीन नहीं सकता। दलितों-पिछड़ों का विकास बाबा साहब का सपना था। यह सपना पूरा किया जाएगा। इस मुद्दे पर झूठ फैलाया जा रहा है।' आरएसएस चीफ मोहन भागवत के रिजर्वेशन को रिव्यू करने के लिए कमिटी बनाए जाने से जुड़ा बयान सामने आने के बाद बीते कुछ दिनों से नीतीश कुमार, लालू यादव और मायावती बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगा रही थीं। विपक्षी नेता पीएम से इस मुद्दे पर बयान देने की मांग कर रहे थे।
मोदी ने समझाई इमरजेंसी की अहमियत
इससे पहले दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 113वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें इमरजेंसी को डेमोक्रेसी के लिए हमेशा याद रखने की जरूरत है। रविवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में 'Save Democracy Day' प्रोग्राम में उन्होंने कहा , ''आपातकाल में देश का बहुत नुकसान हुआ लेकिन उस दौर में जेपी ने इमरजेंसी के खिलाफ जंग की, जिसने नई राजनीति का जन्म दिया।'' इस दौरान उन्होंने जेपी को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि इस प्रोग्राम में इमरजेंसी के दौरान अरेस्ट किए गए, जुल्म सहे नेताओं को सम्मानित किया गया।
मोदी ने कहा- मैं जेपी की उंगली पकड़ कर चला
प्रोग्राम में मोदी ने कहा,'' मैं जयप्रकाश जी की उंगली पकड़कर चला हूं।'' इस मौके पर उन्होंने दो दशक से ज्यादा वक्त जेल में बिताने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भारत का नेल्‍सन मंडेला करार दिया। अपनी स्पीच में पीएम ने इमरजेंसी के आंदोलन में बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी के रोल को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान ही गुजरात में पहली बार एयरपोर्ट पर उन्होंने आडवाणी को करीब से देखा था।
'इमरजेंसी को भूलो मत पर याद कर रोना ठीक नहीं'
> पीएम ने कहा, '' जेपी में वो प्रेरणा थी कि वे लोगों को जोड़ सकते थे। उन्होंने आपातकाल के दौरान यह कर दिखाया था। संपूर्ण क्रांति का नारा देकर जेपी ने देश को ताकतवर लोगों के खिलाफ खड़ा कर दिया। आपातकाल को भूलना नहीं चाहिए, क्योंकि आपातकाल ने देश के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बोला था लोगों को जेल में डाला गया, मीडिया को बैन कर दिया लोकंतंत्र के खंभो को हिला दिया गया, लेकिन इमरजेंसी को याद कर रोना ठीक नहीं।''
>मोदी ने कहा, '' जेपी के आंदोलन ने लोगों को प्रेरणा दी उनके आंदोलन से नई राजनीति की शुरूआत हुई। उनके नेतृत्व में राजनीति की एक नई पीढ़ी तैयार हुई। इमरजेंसी की आग में तपकर भारत का लोकतंत्र और निखरा। ये जेपी के आंदोलन के प्रेरणा ही थी कि चुनावों में जनता ने अपनी ताकत दिखाई और अच्छे-अच्छे ताकतवरों को लोकतांत्रिक तरीके से घर भेज दिया।''
जिन्हें किया गया सम्मानित
इस प्रोग्राम में पीएम ने इमरजेंसी के दौरान अरेस्ट किए गए नेताओं को सम्मानित किया। इनमें बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी सहित 16 नेताओं को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में चार राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली(गुजरात), बलरामदास टंडन (छत्तीसगढ़), वजुभाई वाला (कर्नाटक) और कल्याण सिंह (राजस्थान) के अलावा एमपी के पूर्व राज्यपाल भाई महावीर,एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी, बीजेपी नेता करिया मुंडा, विजय मलहोत्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयवंतीबेन मेहता, पत्रकार वीरेंद्र कपूर, राम बहादुर राय, पत्रकार कोटमराजू विक्रम राव, गांधीवादी प्रोफेसर रामजी सिंह, ईश्वर दास महाजन और कामेश्वर पासवान शामिल थे।
कौन थे जेपी?
जयप्रकाश नारायण स्वतंत्रता सेनानी और बड़े राजनेता थे। उन्होंने 1970 के दशक में 'सम्पूर्ण क्रांति' का नारा देकर केंद्र की इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ देश भर में एक बड़ा अभियान छेड़ा। इंदिरा को देश में इमरजेंसी लगानी पड़ी। हालांकि, बाद में उन्हें पद भी छोड़ना पड़ा। जेपी को समाजसेवा के लिए 1965 में मैगसेसे अवॉर्ड से नवाजा गया। मौत के बाद 1999 में भारत रत्न भी दिया गया।

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