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11 अक्तूबर 2015

बिसहड़ा: मुस्लिम बेटियों की शादी में हिंदुओं ने किया इंतजाम, विदाई में रोया पूरा गांव

बिसहड़ा गांव में बरात लेकर पहुंचा दुल्हा।
बिसहड़ा गांव में बरात लेकर पहुंचा दुल्हा।
नोएडा. यूपी के दादरी स्थित जिस बिसहड़ा गांव में बीफ खाने की अफवाह पर मोहम्मद अखलाक नाम के शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, वहां हालात अब सामान्य होने की ओर हैं। इस बात का गवाह बनी रविवार को गांव के ही रहने वाले हाकिम उर्फ हकीमू की दो बेटियों की गांव में ही हुई शादी। पहले दूल्हे बारात लेकर गांव में आने को तैयार नहीं हो रहे थे, लेकिन जब गांव की दूसरी बिरादरी के लोगों ने उन्हें सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया तब बरात गांव में पहुंची। हकीमू की एक बेटी की बारात पड़ोस के गांव प्यावाली और दूसरी बेटी की सदुल्लाहपुर गांव से आई थी। बारातियों का स्वागत परंपरागत तरीके से हिंदू और मुस्लिम दोनों ही परिवारों ने मिलकर किया। गांव की मस्जिद में नवाज अता करने के बाद निकाह की रस्म अदा की गई। गांव पहुंचे दूल्‍हे पहले थोड़ा सहमे हुए थे, लेकिन जब गांव वालों ने हंसी-मजाक का दौर शुरू किया तो दूल्‍हे भी अपनी हंसी को रोक नहीं पाए। निकाह की सभी रस्में पूरी होने के बाद विदाई के समय पूरे गांव वालों की आंखें नम थी।
गांव में भारी फोर्स तैनात थी
दोपहर करीब 12 बजे गांव में बरात पहुंची। बरात की सुरक्षा के लिए वहां पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। गांव के सरकारी स्कूल में बारात को ठहराने की व्यवस्था की गई थी। बरात का गांववालों ने स्वागत किया। बताया जा रहा है कि बिसाहड़ा गांव में तनाव को देखते हुए कन्‍या और वर पक्ष के लोग निकाह की तारीख को आगे बढ़ाना चाहते थे। दुल्ला मोमिम ने बताया कि इसको लेकर दोनों परिवारों में बातचीत भी हो चुकी थी, लेकिन गांव के लोगों ने दोनों ही परिवारों को समझाकर राजी करवाया।
पूरा गांव मदद को आगे आया
रेशम और जैतून नाम की इन दो बहनों की शादी रविवार हुई। लड़कियों के पिता मोहम्मद हकीमू ने शादी से पहले एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बताया, ''दामाद बगल के ही पायावली और सदुल्लाहपुर गांव के रहने वाले हैं। हमारे गांव के हर कोने से लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। अल्लाह से दुआ करता हूं कि सब कुछ ठीक से निपट जाए।'' बता दें कि अखलाक की हत्या के बाद बिगड़े गांव के माहौल के मद्देनजर मोहम्मद हकीमू के परिवार को शक था कि उनके रिश्तेदार शायद शादी में शामिल होने गांव ही न पहुंचें। इसी डर से उनकी दोनों बेटियां मर्डर वाले दिन ही गाजियाबाद स्थित उनकी बहन के घर चली गई थीं। वे आज लौटेंगी।
गांववालों ने मिलकर उठाया खर्च
गांववालों ने कहा कि उन्होंने शादी से जुड़ा हर इंतजाम कर लिया है। शादी का खर्च मिल-बांट कर उठाया जा रहा है। गांव के मुखिया संजय राणा ने बताया, ''हम हर चीज का ख्याल रख रहे हैं। फंक्शन में 1200 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। हमने उनके खाने-पीने का इंतजाम किया है। ये लड़कियां हमारी बेटियों की तरह हैं। इन लोगों के साथ हमारे रिश्ते पहले की तरह ही हैं। हमारे बीच कुछ भी नहीं बदला है।''
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परोसा गया वेज खाना
बरातियों को रसगुल्ले, बटर पनीर, जलेबी, चावल, चपाती और छोले परोसे गए। नॉनवेज आइटम्स को मेन्यू में शामिल नहीं किया गया है। इस बारे में पूछे जाने पर हकीमू ने कहा, ''मुझे मेन्यू को लेकर कोई समस्या नहीं है। यह मेरी रजामंदी से तय हुआ है। मैं नॉनवेज खाने के मुद्दे पर गांववालों से किसी तरह का कोई विवाद नहीं चाहता।''

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