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11 अक्तूबर 2015

कुत्ते " और " गधे

एक बार " कुत्ते " और " गधे " में शर्त लगी कि,
जो दौड़ कर पहले पहुचेगा
वो " सत्ता के सिंहासन " पर बैठकर राज़ करेगा।
दौड़ शुरु हुई।
कुत्ता खुश था।
उसने सोचा वो तो तेज़ दोडता है,
गधे को तो यु ही हरा देगा।
पर उसे क्या मालूम था की
हर एक मुहल्ले, चौक पर बहुत से कुत्ते हैं
ओर वो उसे आगे जाने ही नही देंगे!
और हुआ भी ऐसा ही।
हर चौक पर स्थानीय कुत्तो ने उस पर जानलेवा हमला किया...
वो बहुत से कुत्तो से लड़ता हुआ जैसे तैसे पहुंच गया।
लेकिन
वहाँ जाकर देखा की गधा सत्ता के सिंहासन पर बैठकर राज़ कर रहा है।
हताश घायल कुत्ता बोला, काश मेरी ही बिरादरी वाले मुझसे लडे न होते तो.....
ये गधा इस सिंहासन तक कभी नही पहुंच पाता।
जरा सोचिए गलती कहाँ हो रही है !!!

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