आपका-अख्तर खान

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20 अक्तूबर 2015

कभी तुम नहीं मिलते

तुमसे बहुत कुछ कहना है मगर
कभी तुम नहीं मिलते कभी अल्फाज नहीं मिलते
ये दूरी तो मिटा दूँ में इक पल में मगर
कभी कदम नहीं चलते तो कभी रास्ते नहीं मिलते
तुम्हें पाना चाहती हूँ उमर भर के लिए मगर
कभी हालात नहीं मिलते तो कभी जज्बात नहीं मिलते

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