एक कश्मकश मेरे दिमाग में स्वदेशी और विदेशी के मामले में आदरणीय सम्मानीय
प्रधानमंत्री महोदय नरेंद्र मोदी के उस बयांन के बाद मेरे मन में है
,,जिसमे आदरणीय नरेंद्र मोदी सर ने त्योहारो के दौरान किसी भी तरह की
विदेशी सामग्री का उपयोग नहीं कर स्वदेशी सामानो के इस्तेमाल की ही अपील की
है ,,नरेंद्र मोदी सर की यह अपील स्वागत योग्य है ,,,,लेकिन दूसरी तरफ यही
नरेंद्र मोदी सर ,,विदेशियो और विदेशी सामान से नफरत करने वाले कांग्रेस
के नेता लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचारो के खिलाफ
उनकी मूर्ति भारत से दूर ,,भारत की ज़मीन दबाने वाले चीन में बनवाई जा रही
है ,,,क्या भारत में अष्ठ धातु नहीं ,,क्या भारत में मूर्ति बनाने वाले
कारीगर नहीं ,,क्या भारत में कलाकार नहीं ,,मज़दूर नहीं ,,,भारत में क्या
नहीं है ,,जो देश के सिद्धांतो के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन के समर्थक वल्ल्भ
भाई पटेल की मूर्ति विदेश में बनवाई जा रही है ,,में तो माथा पच्ची करके
पच गे मुझे तो कोई जवाब नहीं मिला ,,आपको कोई जवाब मिले तो प्लीज़ मुझे
बताइए ज़रूर और दीपावली की सजावट में अगर चाइना की लाइट दिखे तो ऐसे लोगों
को समझाइये ज़रूर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,दोहरी बात ,,विरोधाभासी बात ,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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