आपका-अख्तर खान

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26 अक्तूबर 2015

गुलाब कांटो में खिलता है

कमल कीचड़ में खिलता है
गुलाब कांटो में खिलता है
कुछ फूल इनसे भी खूबसूरत है
जो ना कीचड़ में है ना काँटों में है
फिर भी ना जाने लोग क्यों
मुसीबतों में फंसा करते है
काँटों से छलनी हुआ करते है
कीचड़ में धंसा करते है
मर जाते है जब यह
इनकी याद में तड़प कर
तो इनकी अर्थियों पर
चमेली और हज़ारा चढ़ा करते है ,,
गुलाब हो भी अगर तो बिखरा हुआ होता है
कमल तो कभी अर्थी पर चढ़ा ही नहीं ,,,,अख्तर

1 टिप्पणी:

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