कमल कीचड़ में खिलता है
गुलाब कांटो में खिलता है
कुछ फूल इनसे भी खूबसूरत है
जो ना कीचड़ में है ना काँटों में है
फिर भी ना जाने लोग क्यों
मुसीबतों में फंसा करते है
काँटों से छलनी हुआ करते है
कीचड़ में धंसा करते है
मर जाते है जब यह
इनकी याद में तड़प कर
तो इनकी अर्थियों पर
चमेली और हज़ारा चढ़ा करते है ,,
गुलाब हो भी अगर तो बिखरा हुआ होता है
कमल तो कभी अर्थी पर चढ़ा ही नहीं ,,,,अख्तर
गुलाब कांटो में खिलता है
कुछ फूल इनसे भी खूबसूरत है
जो ना कीचड़ में है ना काँटों में है
फिर भी ना जाने लोग क्यों
मुसीबतों में फंसा करते है
काँटों से छलनी हुआ करते है
कीचड़ में धंसा करते है
मर जाते है जब यह
इनकी याद में तड़प कर
तो इनकी अर्थियों पर
चमेली और हज़ारा चढ़ा करते है ,,
गुलाब हो भी अगर तो बिखरा हुआ होता है
कमल तो कभी अर्थी पर चढ़ा ही नहीं ,,,,अख्तर
बहुत बढ़िया
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