गलती उसी से होती है, जो काम करता है,
निकम्मो की जिंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने मे ही खत्म हो जाती है !!!वर्तमान परिस्थितियों में शांति धारीवाल पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल पर खरा उतरती है ,,,शांतिधरीवाल जिन्होंने राजस्थान में ऐतिहासिक विकास ,,ऐतिहासिक काम किया ,,चारों तरफ हारने के बाद भी उनके गुणगान होते देख वर्तमान भारी बहुमत से जीती सरकार जो ,,राजस्थान में एक भी विकास की ईंट अब तक नहीं रख सकी है ,,एक बेरोज़गार को भी रोज़गार नहीं दे सके है ,,,,,,,,,ऐसी सरकार ईर्ष्या स्वभाव से ग्रसित हो गई ,,सरकार की संवेदनाये मर गई ,,एक तरफ शांतिधरीवाल पत्नी की आकस्मिक मृत्यु से शोकाकुल थे तो दूसरी तरफ अपनी पत्नी की मृत्यु से टूट चुके ,,शांतिधरीवाल को कमज़ोर ,,समझकर सरकार के कुछ निकम्मे नाकारा लोगों ने उनके खिलाफ साज़िश शुरू की ,,,उन्हें झूंठे मामले में फंसाने ,,उनका मान मर्दन करने की कोशिश की ,,,लेकिन दूध का दूध पानी का पानी होना था ,,सभी सम्भावनाये सुबूत के अभाव में निर्मूल साबित हुई ,,,धारीवाल कुंदन बनकर बाहर निकले ,,,वैसे सरकार अभी भी झूंठे सुबूत ,झूंठे साक्ष्य तलाश रही है ,,उन्हें फंसाने की कोशीशॉ में है ,,घायल शेर की तरह छटपटा रही है ,,,लेकिन नतीजा कुछ भी हो शांतिधरीवाल वर्तमान हालातों में कुंदन बनकर निकले है तो उनकी राजनितिक स्थिति मज़बूत हुई है ,,प्रदेश हाईकमान को तो उनकी ताक़त का अंदाज़ा है लेकिन राष्ट्रिय नेतृत्व भी अब शांतिधरीवाला की अहमियत समझने लगा है ,,राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की एक जुटता ज़िंदाबाद है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शांतिधरीवाल ज़िंदाबाद है ,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
निकम्मो की जिंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने मे ही खत्म हो जाती है !!!वर्तमान परिस्थितियों में शांति धारीवाल पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल पर खरा उतरती है ,,,शांतिधरीवाल जिन्होंने राजस्थान में ऐतिहासिक विकास ,,ऐतिहासिक काम किया ,,चारों तरफ हारने के बाद भी उनके गुणगान होते देख वर्तमान भारी बहुमत से जीती सरकार जो ,,राजस्थान में एक भी विकास की ईंट अब तक नहीं रख सकी है ,,एक बेरोज़गार को भी रोज़गार नहीं दे सके है ,,,,,,,,,ऐसी सरकार ईर्ष्या स्वभाव से ग्रसित हो गई ,,सरकार की संवेदनाये मर गई ,,एक तरफ शांतिधरीवाल पत्नी की आकस्मिक मृत्यु से शोकाकुल थे तो दूसरी तरफ अपनी पत्नी की मृत्यु से टूट चुके ,,शांतिधरीवाल को कमज़ोर ,,समझकर सरकार के कुछ निकम्मे नाकारा लोगों ने उनके खिलाफ साज़िश शुरू की ,,,उन्हें झूंठे मामले में फंसाने ,,उनका मान मर्दन करने की कोशिश की ,,,लेकिन दूध का दूध पानी का पानी होना था ,,सभी सम्भावनाये सुबूत के अभाव में निर्मूल साबित हुई ,,,धारीवाल कुंदन बनकर बाहर निकले ,,,वैसे सरकार अभी भी झूंठे सुबूत ,झूंठे साक्ष्य तलाश रही है ,,उन्हें फंसाने की कोशीशॉ में है ,,घायल शेर की तरह छटपटा रही है ,,,लेकिन नतीजा कुछ भी हो शांतिधरीवाल वर्तमान हालातों में कुंदन बनकर निकले है तो उनकी राजनितिक स्थिति मज़बूत हुई है ,,प्रदेश हाईकमान को तो उनकी ताक़त का अंदाज़ा है लेकिन राष्ट्रिय नेतृत्व भी अब शांतिधरीवाला की अहमियत समझने लगा है ,,राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की एक जुटता ज़िंदाबाद है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शांतिधरीवाल ज़िंदाबाद है ,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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