आपका-अख्तर खान

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12 सितंबर 2015

हाँ मुझे माफ़ मत करना

मुझे माफ़ मत करना
हाँ मुझे माफ़ मत करना
तुमने जो कहा था
हाँ तुमने जो कहा था
सच में बेवफा निकला ,,
तुम्हारा साथ निभाने का
तुम्हारे साथ खिलखिलाने का
जो भी वायदा मेने किया
हां में वोह पूरा न कर सका
जब जब तुम हम मिले
ना नुकुर शिकवे शिकायत रहे
ना में खिल खिला सका
ना तुम्हे में हंसा सका
मोत से में बे फ़िक्र था
इसीलिए तो में हमेशा हमेशा
साथ निभाने का वायदा करता रहां ,,
आज जब मुझे सच पता चला
मोत के आगे में बेबस हूँ
रूह क़ब्ज़ करने वाले सभी फ़रिश्ते
मेरे इर्द गिर्द मंडरा रहे है
में बेबस लाचार सा हूँ
हाँ में बेवफा हूँ
हमेशा तुम्हारा साथ निभाने का वायदा
हमेशा तुम्हारे साथ खिलखिलाने का वायदा
हमेशा तुम्हारे हर नाज़ नखरे उठाने का वायदा
हमेशा तुम्हे सिर्फ तुम्हे देख कर जीने का वायदा
हमेशा तुम पर जीने तुम पर मर जाने का वायदा
हाँ में पूरा ना कर सका
हां में पूरा ना कर सका
मोत के आगे बेबस लाचार में बेवफा हूँ
रूह क़ब्ज़ के फ़रिश्ते मुझे बुला रहे है
में बेवफा हूँ तुम से वफ़ा ना कर स्का
बस इसीलिए मेरी आँखों में आंसू आ रहे है ,,,,,अख्तर

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