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मनाया जाएगा। इस मौके पर dainikbhaskar.com आपको सिलसिलेवार देश के ऐसे 
टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताएगा है, जो दुनिया भर में अपने इतिहास और 
खूबसूरती के लिए मशहूर है। इस कड़ी में आज हम आपको महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा 
ज़िले में स्थित 'Lonar Lake' के बारे में बता रहे हैं, जिसके पानी में हो 
रहा बदलाव आज भी रहस्य बना हुआ है।  
उल्का पिंड की टक्कर से बनी थी झील
लोनार झील खारे पानी की झील है। साइंटिस्टों का मानना है कि यह झील 
उल्का पिंड की टक्कर से बनी है।  इसका खारा पानी इस बात को दर्शाता है कि 
कभी यहां समुद्र था। इसके बनते वक्त क़रीब दस लाख टन के उल्का पिंड की 
टकराहट हुई। क़रीब 1.8 किलोमीटर डायामीटर की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग 
पांच सौ मीटर है। इस झील के पानी पर आज भी देश-विदेश के कई साइंटिस्ट 
रिसर्च कर रहे हैं। कहा जाता है कि झील के पानी में समय-समय पर बदलाव होते 
हैं। यह बदलाव क्यों होते हैं इस बात पर आज भी रहस्य कायम है और कई 
साइंटिस्ट इस राज को जानने में जुटे हुए हैं। 
तीन हिस्सों में टूटा था उल्कापिंड
पृथ्वी से टकराने के बाद उल्कापिंड तीन हिस्सों में टूट चुका था और 
उसने लोनार के अलावा अन्य दो जगहों पर भी झील बना दी, हालांकि अब अन्य दो 
झीलें पूरी तरह सूख चुकी है पर लोनार में आज भी पानी मौजूद है।
2006 में हुई अजीब हलचल

 
 

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