जयपुरराजस्थान में दहशत के दूसरे नाम से आनंद पाल सिंह गुरुवार को एक बार
फिर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है । पुलिस आंनद पाल को अजमेर सेंट्रल
जेल से डीडवाना कोर्ट में पेशी पर लेकर आये थे पेशी होने के बाद पुलिस
आंनदपाल को वापस अजमेर लेकर जा रही थी।जानकारी के अनुसार परबतसर के पास
गांगवा गांव के पास सामने से गाडी आने के बाद पुलिस ने वैन रोकी जिसके बाद
सामने गाडी से कुछ लोग उतरकर आये और पुलिस की वैन पर अंधाधुंध फायरिंग कर
दी जिसमे एक दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गये ।आरोपी आंनदपाल के
साथ तीन से चार साथी और भी फरार हो गए है । पुलिस ने आरोपियों की तलाश नें
पुरे प्रदेस मे नाकाबंदी कराई है । हाल ही में आनंद पाल सिंह ने अपने
विरोधियों को बीकानेर सेंट्रल जेल में गोलियों से छलनी कर दिया था।कौन है
आनंदपालनागौर के लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में हुकम सिंह के घर आनंद
पाल का जन्म हुआ।अक्सर बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंद पाल
का शौक रहा है। खतरनाक हथियारों केबल पर आनंद पाल प्रदेश के अपराध जगत का
मसीहा बनकर बैठ गया।लूट, डकैती, हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामलों
में प्रदेश की पुलिस को मोस्ट वांटेड क्रिमिनल आनंद पाल की तलाश थी। आनंद
पाल को पकड़ने का जिम्मा दबंग पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया।जयपुर पुलिस,
एसओजी और एटीएस की संयुक्त टीम ने फागी कस्बे के पास मोहब्बतपुरा गांव से
इस खूंखार अपराधी को पकड़ा था। पुलिस की टीम ने आनंद पाल के कब्जे से एके
47 सरीखे खतरनाक हथियार, ऑटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट
बरामदकिए।बता दें कि सरकारी सुरक्षा बलों के पास ही एके 47 बंदूक पाई जाती
है। अपराध जगत में आनंद पाल का जन्म वर्ष 2006 में हुआ था। जब उसने डीडवाना
में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।गोदारा की हत्या
के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज है। जहां 8 मामलों
में कोर्ट ने आनंदपाल को भगौड़ा घोषित किया हुआ था। सीकर के गोपाल फोगावट
हत्याकांड को भी आनंद पाल ने ही अंजाम दिया।गोदारा और फोगावट की हत्या करने
का मामला समय-समय पर विधानसभा में गूंजता रहा है। आनंदपाल के जुर्म की
फेहरिस्त का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब उसनेकिसी को मौत के घाट
उतारा वो ही मुद्दा सरकार के लिए जवाब का विषय बन गया।सरकार चाहे किसी भी
पार्टी की हो विपक्ष लचर कानून व्यवस्था और पनपते शराब माफियाओं के नाम पर
सरकार को निशाने पर ले ही लेता है।विधानसभा सत्र में भी बीकानेर जेल में
हुई गैंगवार पर खूब हंगामा मचा। जहां आनंदपाल को लेकर सरकार विपक्ष के
निशाने पर रही।29 जून 2011 को आनंद पाल ने सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर
गोलियां चलाकरतीन लोगों को घायल कर दिया। उसी दिन गनौड़ा में शराब ठेके पर
सेल्समैन के भाई कीहत्या के आरोप में भी आनंद पाल का हाथ होने की बात सामने
आई।लिकर किंग बनने के चलते आनंद पाल ने बीकानेर जेल में ही अपने
प्रतिद्वंदी को गोलियों से उड़ा दिया। सेंट्रल जेल में मचे रक्तपात में
अपराध जगत के दो और लोगों को आनंदपाल की गैंग ने मार गिराया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)