भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में 32 साल बाद हो
रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने एक किस्सा
सुनाते हुए कहा कि उन्हें चाय बेचते-बेचते हिंदी सीखने का मौका मिला।
उन्होंने बताया कि गुजरात में उत्तर प्रदेश से लोग दूध लेकर ट्रेन से आते
थे। मैं उनके लिए चाय लेकर जाता था। उन्हें गुजराती नहीं आती थी। मेरे पास
हिंदी सीखने के अलावा कोई चारा नहीं था। इसी क्रम में मैंने हिंदी सीखी।
- मोदी ने कहा कि किसी चीज की अहमियत तभी पता चलती है, जब वह नहीं
रहती। हिंदी भाषा के मामले में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 90
फीसदी भाषाओं के लुप्त होने का खतरा है। अगर हम अपनी भाषा को समृद्ध नहीं
बना सके तो हिंदी पर भी यही खतरा आ जाएगा।
- मोदी ने चीन, मंगोलिया, मॉरिशस आदि देशों की अपनी यात्रा के कुछ
संस्मरण बताते हुए यह जताया कि हिंदी पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही
है और इसकी अहमियत बढ़ रही है।
- मोदी ने टेक्नोलॉजी और भाषा के संबंध के बारे में कहा कि जानकार
बताते हैं कि डिजिटल वर्ल्ड में तीन भाषाओं का ही बोलबाला रहने वाला है-
अंग्रेजी, चीनी और हिंदी। टेक्नोलॉजी की दुनिया में भाषा का बाजार बढ़ने
वाला है। इसमें हिंदी की अहमियत बढ़ने वाली है।
हवाबाज कहने वाली सोनिया पर निशाना- हवालाबाज हैं परेशान
इससे पहले गुरुवार को एयरपोर्ट के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच
स्पीच में मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कहा, ''हमने काले
धन के खिलाफ जो कठोर कानून बनाया है, उससे जो हवालाबाज है, वो परेशान हैं।
उन्हें पैरों के नीचे धरती खिसकती नजर आ रही है और इसलिए ये हवालाबाजों की
जमात लोकतंत्र में रुकावटें पैदा करने का प्रयास कर रही है।'' बता दें कि
पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी ने मोदी पर निशाना
साधते हुए उन्हें 'हवाबाज' बताया था।
रास्ते में बच्चों से मिले मोदी
- एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद मोदी
सम्मेलन स्थल (लाल परेड ग्राउंड) के लिए रवाना हुए। रास्ते में
पॉलीटेक्निक चौराहे पर गाड़ी रोककर वह बच्चों से मिले।
- लाल परेड ग्राउंड पहुंचने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश
राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। बता दें कि
विदेश मंत्रालय विश्व हिंदी सम्मेलन का मुख्य ऑर्गनाइजर है, जबकि जनरल
सिंह इस आयोजन की मैनेजमेंट कमेटी के मुखिया हैं।
10 से 12 तक चलेगा सम्मेलन
विश्व हिंदी सम्मेलन 10 से 12 सितंबर तक चलेगा। इसमें 39 देशों के
लोग हिस्सा ले रहे हैं। अंतिम दिन एक्टर अमिताभ बच्चन भी प्रोग्राम में
हिस्सा लेंगे।
भोपाल में क्यों? ये कारण हो सकते हैं-
1. मुख्य आयोजक विदेश मंत्रालय है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं। वे भोपाल के करीब विदिशा से सांसद हैं।
2. सुषमा और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच अच्छा तालमेल है।
3. मध्य प्रदेश हिंदी भाषी राज्य है और हिंदी जगत में राज्य और राजधानी भोपाल ने अच्छी छाप छोड़ी है।
4. प्रधानमंत्री की नीति रही है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश
की राजधानी के अलावा बाकी शहरों को भी प्रोजेक्ट किया जाए। उन्होंने पहली
बार किसी विदेशी (चीन) राष्ट्रपति का स्वागत दिल्ली से बाहर
(अहमदाबाद) कर अपनी इस नीति को जगजाहिर भी किया था।
विश्व हिंदी सम्मेलन
यह हिंदी भाषा का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है। इसमें दुनियाभर
से हिंदी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी और हिंदी प्रेमी
जुटते हैं। 1975 में विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत हुई। इसकी पहल पूर्व
प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने की थी। पहला विश्व हिंदी सम्मेलन
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर में हुआ था। फिर भारत
की बारी 1983 में आई थी।
अब तक यहां हुए सम्मेलन...
कौन सा सम्मेलन | कब से कब तक | किस शहर में हुआ | किस देश में |
---|---|---|---|
पहला | 10-14 जनवरी 1975 | नागपुर | भारत |
दूसरा | 28-30 अगस्त 1976 | पोर्ट लुई | मॉरिशस |
तीसरा | 28-30 अक्टूबर 1983 | नई दिल्ली | भारत |
चौथा | 2-4 दिसंबर 1993 | पोर्ट लुई | मॉरिशस |
पांचवा | 4-8 अप्रैल 1996 | त्रिनिडाड-टोबेगो | त्रिनिदाद-टोबैगो |
छठा | 14-18 सितंबर 1999 | लंदन | इंग्लैंड |
सातवां | 5-9 जून 2003 | पारामरिबो | सूरीनाम |
आठवां | 13-15 जुलाई 2007 | न्यूयॉर्क | संयुक्त राज्य अमेरिका |
नौवां | 22-24 सितंबर 2012 | जोहानिसबर्ग | दक्षिण अफ्रीका |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)