बगदाद. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के चंगुल से छूटी कुछ यजीदी
लड़कियों ने अपने साथ हुए जुल्मों की कहानी बयां की है। 11 महीने तक
आतंकियों की कैद में रही इन्हीं में से 12 साल की एक लड़की ने बताया, "मैं
उसे (आतंकी) कहती थी कि मुझे तकलीफ होती है। ऐसा मत करो। वह मुझे कहता था
कि इस्लाम के मुताबिक काफिरों का रेप करना गुनाह नहीं है।वह कहता था कि
मेरा रेप करने से उसे जन्नत नसीब होगी।" बता दें कि आईएसआईएस आतंकियों ने
पिछले साल यजीदी समुदाय की 5000 से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को किडनैप
कर लिया था।
आतंकी बोलता था-रेप करना अल्लाह की इबादत
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल ये लड़कियां इराक
के एक रिफ्यूजी कैंप में रह रही हैं। आतंकियों की कैद में नौ महीने तक रही
15 साल की एक लड़की ने बताया कि आतंकी धार्मिक किताब का हवाला देते हुए गैर
मुस्लिम महिलाओं पर हमला करने और उनके साथ जबरन रिश्ते बनाने को सही
ठहराते थे। उसका रेप करने से पहले आतंकी हर बार नमाज पढ़ता था। लड़की ने
बताया, "आतंकी कहता था कि रेप करना भी अल्लाह की इबादत करना है। मैंने उससे
कहा कि जो तुम कर रहे हो, इससे अल्लाह कभी खुश नहीं होगा। लेकिन वो कहता
था कि यह जायज और हलाल है।"
प्रेग्नेंट महिलाओं को कर देते थे अलग
एक अन्य रेप पीड़ित ने इंटरव्यू में बताया कि उसे करीब 500 लड़कियों के साथ एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रखा गया था। वहां मौजूद सबसे छोटी लड़की की उम्र 11 साल थी। जब खरीददार पहुंचे तो लड़कियों को अलग-अलग कमरे में ले जाया गया। उसने बताया, "हमें एक-एक करके नाम से पुकारा जाता। हमें उनके सामने रखी कुर्सी पर बैठना पड़ता। कमरे में जाने से पहले हमारे बुर्के और दुपट्टे उतरवा दिए जाते। जब मेरी बारी आई तो मुझे चार बार खड़ा करवाया गया। उन्होंने मुझे घूमने को कहा, ताकि वो मेरे शरीर का मुआयना कर सकें।" उसने बताया कि बंधकों से बेहद निजी सवाल पूछे जाते। यहां तक कि लड़कियों से पीरियड की पिछली डेट भी पूछी जाती थी। उन्हें खरीदने से पहले यह मालूम किया जाता कि कहीं वे प्रेग्नेंट तो नहीं हैं। आतंकियों का मानना था कि शरीयत में प्रेग्नेंट गुलामों के साथ सेक्स करने की मनाही है।
एक अन्य रेप पीड़ित ने इंटरव्यू में बताया कि उसे करीब 500 लड़कियों के साथ एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में रखा गया था। वहां मौजूद सबसे छोटी लड़की की उम्र 11 साल थी। जब खरीददार पहुंचे तो लड़कियों को अलग-अलग कमरे में ले जाया गया। उसने बताया, "हमें एक-एक करके नाम से पुकारा जाता। हमें उनके सामने रखी कुर्सी पर बैठना पड़ता। कमरे में जाने से पहले हमारे बुर्के और दुपट्टे उतरवा दिए जाते। जब मेरी बारी आई तो मुझे चार बार खड़ा करवाया गया। उन्होंने मुझे घूमने को कहा, ताकि वो मेरे शरीर का मुआयना कर सकें।" उसने बताया कि बंधकों से बेहद निजी सवाल पूछे जाते। यहां तक कि लड़कियों से पीरियड की पिछली डेट भी पूछी जाती थी। उन्हें खरीदने से पहले यह मालूम किया जाता कि कहीं वे प्रेग्नेंट तो नहीं हैं। आतंकियों का मानना था कि शरीयत में प्रेग्नेंट गुलामों के साथ सेक्स करने की मनाही है।
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