जयपुर। राज्य के शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। स्कूली शिक्षकों ने शिक्षा संकुल के प्रमुख द्वार पर बैठकर धरना शुरू किया। रविवार से शुरू हुए धरने में राज्य भर से 50 से ज्यादा शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने धरने में अपनी मौजूदगी दर्ज की है।
धरना कर रहे शिक्षकों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की कोशि की। पुलिस ने संकुल का मुख्य द्वार बंद कर दिया। इस पर शिक्षक मुख्य द्वार पर ही बैठ गए। पुलिस ने धरना खत्म करने के लिए जोर जबरदस्ती भी की लेकिन शिक्षक अपन मांगों को लेकर अड़ रहे।
32 संगठन शामिल
अखिल भारतीय शिक्षक मोर्चा संघ के प्रवक्ता विपिन शर्मा ने बताया कि इस धरने में 32 संगठन शामिल हैं। शिक्षकों की सात सूत्रीय मांगे हैं। इन मांगों को लेकर राज्यभर के शिक्षक पिछले कई महीनों से शिक्षा मंत्री का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में शिक्षकों ने धरने की ठानी है। उनके अनुसार धरना 33 दिन चलेगा। रविवार को प्रदेश के संगठन पदाधिकारियों ने धरने में शिरकत की। सोमवार से राज्य के हर जिले से रोजाना 51 शिक्षक धरने पर बैठेंगे।
ये हैं मांगें
स्कूलों की समय वृद्धि को वापस लिया जाए, स्कूलों के निजीकरण के लिए पीपीपी मॉडल को वापस लिया जाए, तबादला नीति लागू की जाए, 2012 का नियमितिकरण के वेतन विसंगति को खत्म किया जाए समेत सात मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा है। ���������������
������������� राजस्थान शिक्षक एवं शिक्षा बचाओ संयुक्त मोर्चा का आह्वान : - - �������� प्रदेश के समस्त शहरों और कस्बों में 12/08/2015 को पुतला दहन । - �������� 02/09/2015 को एक दिवसीय हड़ताल । समस्त शिक्षक 2 सितम्बर को हड़ताल पर रहेंगे। - ������ - - - महावीर सिहाग सदस्य, राज्य संचालन समिति रा.शिक्षा एवं शिक्षक बचाओ संयुक्त मोर्चा
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