गुज़रते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ..
ये मेरी प्यास है नदियाँ तलाश करता हूँ.
यहाँ तो लोग गिनाते है खूबियां अपनी..
में अपने आप में खामियाँ तलाश करता हूँ….!!
ये मेरी प्यास है नदियाँ तलाश करता हूँ.
यहाँ तो लोग गिनाते है खूबियां अपनी..
में अपने आप में खामियाँ तलाश करता हूँ….!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)