रांची। झारखंड के रांची के करीब स्थित एक गांव में डायन बताकर पांच महिलाओं की हत्या करने
के बाद गांववालों ने शनिवार को उनकी लाशों को दफनाने में भी अड़ंगा डाला।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव जब गांव पहुंचे तो लोगों ने इन्हें वहां की जमीन पर
दफनाने से रोक दिया। आखिर में पुलिस को दखल देनी पड़ी। कुछ गांववालों को
गिरफ्तार किया गया और पुलिसवालों ने जबरन अंतिम संस्कार कराया। आगे किसी
तरह ही अप्रिय घटना को टालने के लिए गांव में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात
है। डिस्ट्रिक्ट कलक्टर ने कहा कि गांव में 15 दिनों तक फोर्स रहेगी। बता
दें कि शुक्रवार रात मांडर ब्लॉक के कंजिया मरायटोली गांव में पांच महिलाओं
को डायन बताकर उनकी भालों से गोदकर और पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई
थी।
बाकी बची महिलाओं की हत्या की भी चेतावनी, हंस रहे थे गांववाले
गांववालों के गुस्से का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने पुलिस के सामने ही हत्या में शामिल होने की बात कबूली। जिंदा बची दो महिलाओं की हत्या की भी चेतावनी दी। जब पुलिसवाले पहुंचे तो महिलाओं के निर्वस्त्र शव के पास सौ के आसपास गांववाले मौजूद थे। इनमें महिलाएं, बूढ़े और बच्चे भी थे। सभी मुस्कुरा रहे थे। किसी के चेहरे पर अपराध करने का कोई मलाल नजर नहीं आया। मारी गई महिलाओं के घरवालों के साथ दुख जताने वाला कोई नहीं था। सभी कह रहे थे कि अब इस गांव से आफत काफी हद तक टल गई है। दो और बची हैं, कुछ दिनों में उनका भी सफाया कर दिया जाएगा।
गांववालों के गुस्से का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने पुलिस के सामने ही हत्या में शामिल होने की बात कबूली। जिंदा बची दो महिलाओं की हत्या की भी चेतावनी दी। जब पुलिसवाले पहुंचे तो महिलाओं के निर्वस्त्र शव के पास सौ के आसपास गांववाले मौजूद थे। इनमें महिलाएं, बूढ़े और बच्चे भी थे। सभी मुस्कुरा रहे थे। किसी के चेहरे पर अपराध करने का कोई मलाल नजर नहीं आया। मारी गई महिलाओं के घरवालों के साथ दुख जताने वाला कोई नहीं था। सभी कह रहे थे कि अब इस गांव से आफत काफी हद तक टल गई है। दो और बची हैं, कुछ दिनों में उनका भी सफाया कर दिया जाएगा।
मां के अंतिम दर्शन नहीं कर सका फौजी
चंडीगढ़ में 20 बिहार रेजीमेंट में पोस्टेड फौजी अनिल खलखो अपनी मां के
अंतिम दर्शन नहीं कर सका। अनिल खलखो, जसिंता टोप्पो का बेटा है, जो उन
पांच महिलाओं में शामिल है, जिनकी हत्या कर दी गई। अनिल खलखो देर शाम अपने
घर पहुंचा। लेकिन इसके पहले ही उसकी मां के शव को दफना दिया गया था।
घरवालों ने बताया कि वे लोग अंतिम संस्कार के लिए अनिल का इंतजार भी नहीं
कर सकते थे, क्योंकि पुलिस बार-बार शव को जल्दी दफनाने के लिए दबाव बना रही
थी। घर पहुंचकर अनिल अपनी बहनों से लिपटकर रो पड़ा। कुछ देर बाद उसने मां
की कब्र पर जाकर फूल चढ़ाए।
क्या है मामला
इस गांव में दो अगस्त को 15 साल के विपिन खलखो की मौत हो गई थी। उसे
पीलिया हुआ था। विपिन की बहन कुसुम ने गांववालों को बताया कि गांव की सात
महिलाएं डायन हैं, जो उसके भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। कुसुम ने यह
भी कहा कि जहां विपिन के शव को दफनाया गया, वहां देर रात सातों महिलाएं
जादू-टोटका करती हैं। इसके बाद, शुक्रवार शाम गांव के 100 लोगों ने बैठक
की। इसमें फैसला लिया गया कि सातों महिलाएं डायन हैं। इनकी हत्या कर दी
जाए। इसके बाद हथियारों से लैस ग्रामीणों ने उन महिलाओं के घरों पर धावा
बोल दिया। पांच महिलाओं को बाल पकड़कर घसीटते हुए लाए। सभी को निर्वस्त्र कर
दिया। लाठी-डंडे से पिटाई की। भाले से गोद डाला। बाद में सभी के चेहरे
पत्थर से कुचल दिए।
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