रायपुर | रेलवे ने नक्सली खतरे के बाद दल्लीराजहरा से गुदुम
तक 15 किमी से कुछ अधिक की रेलवे लाइन बना ली, ट्रैक पर ट्रेन दौड़ाकर जांच
भी कर ली, अब ट्रेन चलाने की तैयारी है। लेकिन इन स्टेशनों के बीच ट्रेन
चलाना कम मुश्किल काम नहीं है। ट्रेन चलाने से पहले इस लाइन के दोनों ओर
सीआरपीएफ की दो बटालियनें तैनात रहेंगी। इसके दो हजार से ज्यादा जवान ट्रैक
और सिग्नल पर नजर रखेंगे। राजहरा से ट्रेन शुरू होगी तो बोगियों में रेलवे
सुरक्षा बलों के 150 जवान साथ चलेंगे। इतनी मशक्कत के बाद सफर शुरू होगा,
जो आधा घंटे में पूरा भी हो जाएगा।
यात्रियों की जांच थ्री-लेवल : इस ट्रेन से चलने वालों को तीन
स्तर पर जांच से गुजरना होगा। पहली स्टेशन में दाखिल होते समय और बाकी दो
प्लेटफार्म और बोगी में। इस ट्रैक पर पहले पैसेंजर चलेगी। उसके बाद
मालगाड़ियां चलाई जाएंगी जो लौह अयस्क की ढुलाई करेंगी।
इसी माह के अंत तक परिचालन संभव
डीआरएम राहुल गौतम ने बताया कि सुरक्षा संबंधी इंतजाम हो गए हैं।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु से समय ले रहे हैं। ट्रेन की सुरक्षा पर एसईसीआर के
जीएम सत्येंद्र कुमार मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह से मिल चुके हैं। ट्रेन इस
माह के अंत तक तक चला सकते हैं।
हो चुका है इंस्पेक्शन: एसपी
बालोद एसपी आरिफ शेख ने बताया कि ट्रैक का इंस्पेक्शन हो गया, फोर्स
और बढ़ाएंगे। सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट अमित कुमार के अनुसार उनकी
तैयारी पूरी है। बीएसएफ और छग सशस्त्र बल को भी वहां सुरक्षा के लिए काम
करना है।
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