लड़की लड़के से आखरी बार मिलने आई है..
वो लड़के से कहती है-
तुम मुझे भूल जाओ..
मैं अब किसी और की होने जा रही हूँ..
कल मेरी शादी है..
लड़का चुपचाप है..
लड़की फिर कहती है-कुछ बोलोगे नहीं..
लड़का मुस्कुराता कहता है- कोई तुम से मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,
इस झूठी दुनिया में मुझसे,
जो सच्ची मोहब्बत करता था,
मेरे रूठ ने पे वो रो देता,
मेरी डांट पेभी खुश हो लेता,,
जब सारे साथ छुड़ा लेते,
चुपके से साथ वो हो लेता,,
हिम्मतवाला था यूँ तो पर,
मुझको खोने से डरता था,
मुझ से मिलने की खातिर वो,
बारिश में भीगकर आता था,,
जिस रोज मैं खाना न खाऊं,
उस दिन उपवास मनाता था,
कोई और नहीं था उसका बस,
मुझ से ही जीता-मरता था,
गलती मेरी भी होने पर,
माफ़ी की गुजारिश करता था,
हर हाल में मैं हंसती जाऊं,
इस कोशिश में रहता था,,
मैं कैसे उसकी हो जाऊं,
हर पल ये सोचा करता था,,
मेरे लाख मना करने पर भी,
मेरा नाम लेता था,,
मेरी एक हंसी की खातिर गाने भी गा देता था,,
मेरा हाथ पकड़ दुनिया से वो,
लड़ने की बातें करता था,,
मुझसे मिलने से पहले वो,
दुनिया में बहुत अकेला था,
जब पहली बार उसे देखा,
चेहरे पे दर्द का मेला था,
वो,हर दम ही हँसता रहता था,
जब नींद मुझे आ जाती थी,
वो डांट के मुझे सुलाता था,
अपनी बातों से,
अक्सर वो मुझे रुलाता था,
उसका जीवन बिखरा था पर,
मेरा ख़याल वो रखता था,
कुछ मजबूरी के चलते जब,
मैंने उससे हाथ छुड़ाया था,
उसने न कोई शिकायत की,
बस धीरे से मुस्काया था,,
मेरी यादों में रोया करता था,
वो पागल लड़का तन्हा ही,
मेरी यादों से लड़ता है,
मेरे बिन जिंदा रहने की,
ना काम वो कोशिश करता है,
वो आज भी मुझ पे मरता है,
वो कलभी मुझ पे मरता था,
वो लड़के से कहती है-
तुम मुझे भूल जाओ..
मैं अब किसी और की होने जा रही हूँ..
कल मेरी शादी है..
लड़का चुपचाप है..
लड़की फिर कहती है-कुछ बोलोगे नहीं..
लड़का मुस्कुराता कहता है- कोई तुम से मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था,
इस झूठी दुनिया में मुझसे,
जो सच्ची मोहब्बत करता था,
मेरे रूठ ने पे वो रो देता,
मेरी डांट पेभी खुश हो लेता,,
जब सारे साथ छुड़ा लेते,
चुपके से साथ वो हो लेता,,
हिम्मतवाला था यूँ तो पर,
मुझको खोने से डरता था,
मुझ से मिलने की खातिर वो,
बारिश में भीगकर आता था,,
जिस रोज मैं खाना न खाऊं,
उस दिन उपवास मनाता था,
कोई और नहीं था उसका बस,
मुझ से ही जीता-मरता था,
गलती मेरी भी होने पर,
माफ़ी की गुजारिश करता था,
हर हाल में मैं हंसती जाऊं,
इस कोशिश में रहता था,,
मैं कैसे उसकी हो जाऊं,
हर पल ये सोचा करता था,,
मेरे लाख मना करने पर भी,
मेरा नाम लेता था,,
मेरी एक हंसी की खातिर गाने भी गा देता था,,
मेरा हाथ पकड़ दुनिया से वो,
लड़ने की बातें करता था,,
मुझसे मिलने से पहले वो,
दुनिया में बहुत अकेला था,
जब पहली बार उसे देखा,
चेहरे पे दर्द का मेला था,
वो,हर दम ही हँसता रहता था,
जब नींद मुझे आ जाती थी,
वो डांट के मुझे सुलाता था,
अपनी बातों से,
अक्सर वो मुझे रुलाता था,
उसका जीवन बिखरा था पर,
मेरा ख़याल वो रखता था,
कुछ मजबूरी के चलते जब,
मैंने उससे हाथ छुड़ाया था,
उसने न कोई शिकायत की,
बस धीरे से मुस्काया था,,
मेरी यादों में रोया करता था,
वो पागल लड़का तन्हा ही,
मेरी यादों से लड़ता है,
मेरे बिन जिंदा रहने की,
ना काम वो कोशिश करता है,
वो आज भी मुझ पे मरता है,
वो कलभी मुझ पे मरता था,
..................कोई तुमसे मेरा नाम जो ले,
कह देना पागल लड़का था !!
कह देना पागल लड़का था !!
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