आपका-अख्तर खान

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04 जुलाई 2015

में उर्दू ज़ुबान ,,,जो राजस्थान में ,,,,बेज़ुबान हो गयी हूँ ,,में उर्दू ,,,देश की शान ,,आज़ादी की जुबांन ,,,,जो राजस्थान में,,, निरीह ,,,बेबस ,,,,असहाय हो गई हूँ

में उर्दू ज़ुबान ,,,जो राजस्थान में ,,,,बेज़ुबान हो गयी हूँ ,,में उर्दू ,,,देश की शान ,,आज़ादी की जुबांन ,,,,जो राजस्थान में,,, निरीह ,,,बेबस ,,,,असहाय हो गई हूँ ,,,,जी हाँ मेरे चाहने वाले कमज़ोर ,,लाचार ,,मौक़ापरस्त कायरों मेरा सवाल तुमसे है ,,तुम्हे मेने तहज़ीब दी ,,इज़्ज़त दी ,,मौसीक़ी दी ,,अदब आदाब दिया ,,,रोज़गार दिया ,,लेकिन तुमने मेरे साथ सिर्फ और सिर्फ सियासत की है ,,मुझे बेबस ,,बेचारी और लाचार बना दिया है ,,,आज राजस्थान में सरे राह सरकार द्वारा गैरकानूनी तरीके से स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर मेरी इज़्ज़त लूटी जा रही है ,,मुझे सताया जा रहा है ,,मुझे सरे बाज़ार नीलाम कर अपमानित किया जा रहा है ,,पुरे राजस्थान में कोई एक ऐसी ताक़त नहीं जो मुझे इस गैरकानूनी तरीके से सताने ,,परेशान करने ,,,बेइज़्ज़त कर मुझे खत्म करने की साज़िशों में लगे लोगों को तुम सबक सीखा सको ,,तुम मेरी इज़्ज़त ,,मेरी अस्मत बचाने के लिए न तो सड़को पर आये ,,न आंदोलन कर रहे हो ,,में शर्मसार हूँ कोई एक भी माई का लाल ऐसा नहीं जो राजस्थान हाईकोर्ट में पूरी तैयारी से मेरे साथ हो रही नाइंसाफी को पेश करे और स्टफिंग पैटर्न के नाम पर जो बेहूदगियां ,,जो मनमानियां ,,नासमझ ,,नौसिखियों द्वारा की जा रही है उसे रोके ,,,में उर्दू हो ,,लाचार हूँ ,,बेबस हूँ क्योंकि मुझे इस्तेमाल करने वाले कमज़ोर ,,डरपोक ,,कायर ,,मौक़ापरस्त है ,,भाजपा हो चाहे कांग्रेस हो दोनों पार्टियों में मुझे इस्तेमाल करने वाले है लेकिन अफ़सोस सद अफ़सोस मेरे लिए किसी भी कांग्रेस के नेता ने मेरा सरेराह अपमान देखकर भी कोई आंदोलन ,,कोई धरना ,,कोई प्रदर्शन नहीं किया ,,,ऐसे हमदर्द इस कांग्रेस को कैसे अपने वोट दे पाएंगे ,, में उर्दू हूँ ,,,में भाजपा की बात कर ही हूँ ,,,भाजपा में मुझ से हमदर्दी रखने वालों की संख्या बढ़ी है विधायक है मंत्री है लेकिन फिर भी इनकी ही सरकार गैरकानूनी तरीके से स्टफिंग पैटर्न के नाम मेरी इज़्ज़त और अस्मत तार तार कर रही है ,,ज़रा सोचो ,,ज़रा समझो ,,खुद से सवाल करो में तुम्हारा ज़मीर हूँ अगर में मर गई तो क्या तुम ज़िंदा रह सकोगे ,,में उर्दू हूँ ,,तुम्हारी तहज़ीब ,, तुम्हारा रोज़गार ,,कई स्कूलों की ज़ीनत हूँ ,,,,में उर्दू हूँ ,,ज़रा सोचो ,,अपने आक़ा जिन्हे खुदा से भी बढ़कर तुम मानने लगे हो उनसे तुम पूछो जिस स्कूल में मुझे पढ़ने वाले बच्चे सैकड़ों की तादाद में है वहां मेरी हत्या क्यों की जा रही है ,,मेरे चाहने वाले सैकड़ों छात्र छात्राएं क्या करेंगे ,,उन्हें कोन पढ़ायेगा ,,,,मुझे सताने वालो मेरे कायर चाहने वाले डरपोक लोगों के जज़्बे को देखकर तुम मुझे मारना तो चाहते हो लेकिन ज़रा बताना स्टफिंग पैटर्न के नाम पर मुझे स्कूलों में कोन पढ़ायेगा ,,जिन्होंने मुझे पढ़ा है दक्षता हांसिल की है वोह किस क़ानून,, किस नियम ,,किस एजुकेशन कोड के नाम पर दूसरे विषय पढ़ाएंगे ,,,क्या तुम मुझे हठाकर जी पाओगे ,,मेरे बगैर सरकार चला पाओगे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,में उर्दू हूँ ,,,ऐ सरकार ,,,ऐ लाचार ,,बेबस चाहने वालों ,,ऐ मुझे तबाह करने की कोशिश करने वालों में जानती हूँ कांग्रेस में बैठे लोग मेरी मदद नहीं करेंगे ,,भाजपा में बैठे लोग मेरी मदद नहीं करेंगे ,,लेकिन कोई एक मुजाहिद भी मुझे बचाने के लिए गैर सियासी तरीके से सड़क पर उत्तर गया ,,कोई एक शख्स मुझे बचाने के लिए सरकार की बेवकूफियों को लेकर अगर राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंच गया और सरकार में बैठे नफरत का बाज़ार गर्म करने वालों की गैरकानूनी हरकतों को राजस्थान हाईकोर्ट ने इंसाफाना अंदाज़ में देखा तो यक़ीनन में तो फिर ज़िंदा हो जाउंगी,,,, लेकिन मुझ से नफरत करने वालों ,,मुझे लाचार और बेबस समझने वालों तुम्हारा क्या हश्र होगा ,,,,,,,मुझे बचाने की कोशिशों में संघर्ष करने से बचने वाले कोंग्रेसियों ,,भाजपाइयों ज़रा तो शर्म करो ,,तुम्हे खुदा से डरना है ,,खुदा के बनाये हुए बंदो से नहीं ,,इन लोगों को खुदा समझना छोडो ,,अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है ,,कायर ,, कमज़ोर लोगो ,,उठो ,,जागो ,,एक जुट हो जाओ ,,मुझे सताने ,, मुझे बर्बाद करने की कोशिशों में जुटे लोगों से मुक़ाबला करो ,,मेरी आज़ादी के लड़ो ,,सड़कों पर आओ ,,,रैलियां निकालों ,,मुज़ाहरे करो ,,सरकार की ईंट से ईंट बजा दो ,,,,नेताओं का घेराव करो ,,नेताओं की नींद हराम करो ,,मुझे इंसाफ दिलाने के लिए लड़ो ,,उठो नाकारा लोगों अपने नेताओं की बगल में से उठो पहले इन नेताओ से आँखों में आँखे डाल कर सवाल करो ,,फिर भी नहीं माने तो इन नेताओं को औक़ात दिखाकर इन्हे नेता माने से इंकार करो ,,इनके गिरेहबान को झंझोड़ कर इंसाफ हांसिल करो ,,नहीं तो आज भी कोई एक मुजाहिद सीधे राजस्थान की सिरमौर अदालत में जाकर मेरा दर्द बयान करे ,,सरकार की काली करतूतों का पोस्मार्टम करे तो यक़ीनन आँखों पर पट्टी बाँधने के बाद भी क़ानून की यह देवी मुझे इंसाफ देगी ,,मुझे मरने से बचाएगी ,,सरकार में बैठे मेरे दुश्मनों को औक़ात दिखाएगी ,,,तो जनाब में उर्दू हो मुझे अपना ज़मीर ज़िंदा करके बचा लो ,,अगर में मर गई तो समझो ,,तुम और तुम्हारा वुजूद भी हमेशा के लिए क़ब्र में दफन हो जाएगा और तुम गुलाम ,,,बेबस ,,लाचार होकर अपने आक़ा बनाये गए नेताओं के तलवे चाट चाट कर मर जाओगे ,,उठो ,,जागो ,,ज़मीर जगाओ ,,हिम्मत बांधो और जीतने के लिए एक आज़ादी की लड़ाई फिर से क़ुरबानी के जज़्बे के साथ लड़ों ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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