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05 जुलाई 2015

लोकतंत्र के रक्षक सेनानियों के लम्बे संघर्ष के बाद भी उन्हें आज तक पर्याप्त सम्मान नहीं मिल पाया

लोकतंत्र के रक्षक सेनानियों के लम्बे संघर्ष के बाद भी उन्हें आज तक पर्याप्त सम्मान नहीं मिल पाया है ,,राज्य अपने स्तर पर कोशिशों में जुटे है ,, पहले कुछ कोंग्रेसी शासित राज्य थे जहाँ लोकतंत्र के इन सेनानियों का हक़ और सम्मान काट दिया गया था ,,खुदा का शुक्र है लोकतंत्र के सेनानियों की एकता इनका संघर्ष कामयाब हुआ और कथित रूप से लोकतंत्र की दुश्मन पार्टी की जगह इन लोकतंत्र समर्थकों की सरकारें राज्यों में और केंद्र में आ गयी ,,,लोकतंत्र के रक्षकों को लगभग लगभग सभी जगह पेंशन सुविधाओं का लाभ घोषित हुआ ,,कुछ जगह मिला है तो कुछ जगह इंतज़ार है ,,लेकिन दोस्तों पेंशन उनका सम्मान ,,उनकी क़ुर्बानियों के क्षतिपूर्ति कीमत नहीं ,,,आज लोकतंत्र के रक्षक उनका हक़ चाहते है उन्हें फ्रीडम फाइटर की सभी सुविधाये दी जाए ,पेंशन तो मिले लेकिन उनके नाम पर स्मारक हो ,,, उनमे से कुछ का मंत्री दर्जा हो ,,सभी सेनानियों को पुरे देश के सर्किट हाउस में मुफ्त में ठहरने ,,मुफ्त यात्रा ,,मुफ्त चिकित्सा की सुविधा हो ,,खादी भंडार से उन्हें कपड़े मिले ,,,, रियायती पारिवारिक सुविधाये हो ,,,उनका मान सम्मान ऐसा हो के आने वाली पीढ़ी उन्हें याद करे ,,स्कूलों में उनके साथ हो रहे अत्याचार ,,उनके अटल रहकर लोकतंत्र के संघर्ष की गाथा पढ़ाई जाए ,,,,,दोस्तों लोकतंत्र के रक्षकों की दुश्मन पार्टी अभी सत्ता में नहीं है ,,लोकतंत्र के रक्षक सेनानियों ने दिन रात प्रचारक के रूप में काम कर लोकतंत्र की बहाली के लिए जिस पार्टी का सपोर्ट किया आज वही पार्टी सत्ता में है ,,,,,,,सभी जानते है के लोकतंत्र के रक्षकों को सेनानी का दर्जा और सुविधाये देने के लिए राज्य कुछ नहीं कर सकता केंद्र सरकार जो पूर्ण बहुमत में है वोह इस सम्मान को आसानी से चंद मिनटों में पहले एक ओर्डीनेंस निकाल कर तत्काली रूप से फिर ओर्डीनेंस को क़ानून बनाकर स्थाई रूप से दिया जा सकता है ,,लोकतंत्र के सेनानी रक्षक आपस में एक दूसरे पर फ़िक़रे बाज़ी छोड़कर अगर एक जुट हो जाए ,,पार्टी ,,संगठन ,,,दूसरी विचारधाराओं से आज़ाद होकर अर्जुन की तरह मछली की आँख को टारगेट बनाकर केवल केंद्र सरकार से लोकतंर के रक्षकों को सम्मान दिलवाने का संघर्ष कर ले तो निश्चित तोर पर सभी सेनान्यों को मान सम्मान के साथ सभी सुविधाये आज़ादी की सालगिरह पन्द्राह अगस्त तक मिल जायेगी ,,दोस्तों नरेंद्र मोदी जिन्होंने लोकतंत्र का गला घोटने वालों की कलाई करतूतें देखी है ,,नरेंद्र मोदी जिन्होंने लोकतंर के सिपाही सेनानियों का दर्द जाना है ,,नरेंद्र मोदी जो लोकतंत्र के सभी रक्षक सिपाहियों के हमदर्द पारिवारिक है ,,,नरेंद्र मोदी जो संवेदनशील है जो सेनानियों को सेनानियों का दर्जा देने का साहस रखते है ,,,बस उन्हें अगर कोई जगा दे ,,कोई समझा दे तो इंशा अल्लाह पन्द्राह अगस्त को आज़ादी की सालगिरह के दिन लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकत्रंत के रक्षक सेनानियों की पेंशन दूसरी सुविधाये फ्रीडम फाइटर अधिनियम की तर्ज़ पर करते नज़र आएंगे और इस घोषणा का आप और हम तालिया बजाकर स्वागत करेंगे ,,,,,,उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने लोकतंत्र के सेनानियों के इस दर्द को समझा है ,,लोकतंत्र सेनानियों के अध्यक्ष क्षत्रपाल सिन्हा को मंत्री दर्जा दिया है ,,पेंशन दी है ,,क़ानून बनाने की तय्यारी है लेकिन केंद्र सरकार की मर्ज़ी के बगैर किसी भी राजय में कुछ भी सम्भव नहीं है ,,,,,,,,फिर भी अखिलेश यादव के लोकतंत्र सेनानी रक्षको के प्रति जो जज़्बा जाग्रत हुआ उसके लिए उनका धन्यवाद और क्षत्रपाल सिंह सिन्हा को मंत्री दर्जा मिलने पर मुबारकबाद ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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