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29 जुलाई 2015

ये कैसी भक्ति, खुद की जीभ काट डाली


श्रीगंगानगर
 धार्मिक भावनाओं में बहकर एक व्यक्ति ने अपनी जीभ को लगभग पूरी तरह ही काट लिया। उसने अपने बदन पर धारदार हथियारों से कई वारकर खुद को गंभीर घायल कर लिया। 
घटना बुधवार शाम को नरसिंहपुरा गांव में हुई। सभी घटनाओं के बीच अच्छी बात यह है कि समय पर इलाज शुरू होने पर उसकी आवाज लौट आने की संभावनाएं भी बन गई हैं।
घायल  के बेटे रणजीतराम के अनुसार उसके पिता पचास वर्षीय हेतराम मेघवाल कालका माता की पूजा करते हैं। घर में ही करीब तीस साल से मंदिर बनाकर रोजाना पूजापाठ करते हैं। बुधवार शाम को करीब साढ़े चार बजे मंदिर में बैठकर उन्होंने तलवार से अपनी जीभ को बुरी तरह से काटना शुरू कर दिया। अपनी जीभ को कटा समझकर उसने तलवार से अपने पेट और अन्य हिस्सों पर भी वार कर खुद को जख्मी कर लिया। 
एकाएक हुए इस हादसे के बाद घर में कोहराम मच गया और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उनको गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। फिलहाल उसका गंभीर हालत में उपचार शुरू किया गया है। दो विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उसको उपचार देकर बचा लिया है। फिलहाल उसकी हालत को देखते हुए 48 घंटे तक विशेष निगरानी में रखा गया है। 
दस फीसदी ही बची थी जीभ 
गंभीर घायल हेतराम मेघवाल को जिला अस्पताल की आपातकालीन चिकित्सा इकाई में लाया गया। मौके पर ड्यूटी कर रही डॉ. सोनिया छाबड़ा ने हालत देखते हुए नाक-कान-गला रोग विशेष को बुलावा भेजा। इलाज करने पहुंचे डॉ. संदीप कुमावत ने बताया कि उसने अपनी जीभ को करीब 12 बार वार कर बुरी तरह से जख्मी कर लिया था। 
मासपेशियां इतनी बुरी तरह से जख्मी थी कि अगर उपचार में देरी होती तो शायद वह जिंदगीभर बोल नहीं पाता। फिलहाल उसे सही इलाज देकर कटी जीभ को वापस जोड़ दिया गया है। उसे दो-तीन दिन निगरानी में रखा गया है। इसके बाद ही साफ हो पाएगा कि वह कितने दिन बाद वापस बोल पाने की स्थिति में आएगा।

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