बेरूत/काबुल. आतंकी संगठन आईएसआईएस ने पहली बार अफगानिस्तान
के कुछ अहम इलाकों पर अपना कब्जा कर लिया है। समाचार एजेंसी रायटर्स ने
अधिकारियों और कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया है कि आईएसआईएस के
वफादार लड़ाकों ने तालिबानी आतंकियों को खदेड़ कर अफगानिस्तान के
अच्छे-खासे हिस्से पर कब्जा कर लिया है। उधर, आतंकियों द्वारा पहली बार
महिलाओं का सिर कलम किए जाने का मामला भी सामने आया है।
जादू-टोना करने के आरोप में किया महिलाओं का सिर कलम
आईएसआईएस द्वारा सीरिया में जादू-टोना करने के आरोप में दो महिलाओं का
सिर कलम किया गया है। महिलाओं के पतियों को भी मार डाला गया है। यह पहली
बार है, जब आईएसआईएस ने सिर कलम करके महिलाओं को मौत की सजा दी है। कुछ
महीने पहले संगठन ने गलत चाल-चलन का आरोप लगाकर एक महिला की पत्थर मारकर
हत्या कर दी थी।ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रमुख रमी अब्देल रहमान
ने सीरिया में महिलाओं के सिर कलम किए जाने की पुष्टि की। ब्रिटेन स्थित
मॉनिटरिंग संस्था ने बताया कि देर एजर और मायादिन में रविवार और सोमवार को
ये हत्याएं की गईं। बता दें कि पिछले एक साल में आईएसआईएस हजारों लोगों की
हत्या कर चुका है। आतंकी संगठन अकेले सीरिया में 3000 लोगों की हत्या कर
चुका है। इनमें 74 बच्चों समेत 1800 नागरिक शामिल हैं।
गांववालों ने किया आईएस आतंकियों का स्वागत
इस्लामिक स्टेट के इराक, सीरिया, तुर्की के बाद अब अफगानिस्तान में भी
पांव पसारने की खबरें हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब आईएस अफगानिस्तान में
दाखिल हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट से जुड़ा होने
का दावा करने वाले सैकड़ों फाइटर्स ने तालिबान के लड़ाकों को ननगरहर
प्रांत से खदेड़ दिया। इस इलाके में अफीम की खेती होती है, जो अफगानिस्तान
सरकार और नाटो बलों से लड़ रहे तालिबानी आतंकियों की फंडिंग का मुख्य स्रोत
था। आईएसआईएस लड़ाकों ने कथित तौर पर संगठन के चीफ अबू बक्र अल बगदादी के
छपे हुए निर्देश भी बांटे। हालांकि, यह साफ नहीं है कि बगदादी ने ये
निर्देश अफगानिस्तान के लिए ही जारी किए या पिछले निर्देशों को ही
ट्रांसलेट करके पर्चे छपवाए गए। अचिन जिले के रहने वाले एक शख्स ने बताया
कि खुद को आईएस का समर्थक बताने वाले कुछ लोग सफेद पिकअप ट्रकों पर आए। ये
ट्रक भारी मशीनगनों से लैस थे। उनके सामने तालिबानी लड़ाके टिक नहीं सके और
भाग खड़े हुए।
गांववालों को पैसे से लुभा रहा आईएस
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने नए लोगों का स्वागत
किया। नए लड़ाकों ने तालिबानी आतंकियों के उलट खाना या रहने की जगह नहीं
मांगी। नए लड़ाकों के पास काफी कैश था। इससे उन्होंने गांववालों को संगठन
ज्वाइन करने का प्रलोभन दिया। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ
इलाकों में आईएस के झंडे लहराते देखे गए। कुछ विदेशी लड़ाके स्थानीय
मस्जिदों में दुभाषिए की मदद से लोगों से बात करते नजर आए। स्थानीय
अधिकारियों के मुताबिक, आईएसआईएस के समर्थक इन लड़ाकों ने नंगरहर के 21 में
से 6 जिले पर कब्जा कर लिया है।
आईएसआईएस : आतंक का एक साल, 6500 बेकसूरों की मौत
आईएसआईएस के प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी ने एक साल पहले 29 जून 2014 को
खुद को नया खलीफा घोषित किया था। पिछले साल जून में ही आईएसआईएस इराकी शहर
मोसुल पर कब्जा कर सुर्खियों में आया था। तब से अब तक यह आतंकी समूह 6500
से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता
कर्नल स्टीव वाॅरेन के मुताबिक, आईएसआईएस ने एक साल में अपना 25 फीसदी
इलाका अमेरिकी, सीरियाई और इराकी सुरक्षा बलों से लड़ाई में खो दिया, लेकिन
उसने अपनी दहशत कई गुना बढ़ा दी है। आईएसआईएस ने तुर्की से लेकर इराक के
कोबानी तक 400 किलोमीटर लंबी ऐसी सीमा बना ली है, जिसे भेद पाना मुश्किल
है।
आईएस हर दिन कमा रहा 10 लाख डॉलर, उसके खिलाफ लड़ाई पर 3 देश हर दिन लगा रहे 91 लाख डॉलर
- आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में अब अमेरिका, इराक और सीरिया के सुरक्षा
बल हर दिन कुल 91 लाख डॉलर का खर्च कर रहे हैं। अमेरिका को अब तक इस
ऑपरेशन की कुल लागत 3 अरब डॉलर आ चुकी है।
- आईएसआईएस ने 2014 में अवैध वसूली कर, तेल के कुएं हथिया कर और बैंक
लूटकर 1.5 अरब डॉलर कमाए। इसमें से 60 करोड़ डॉलर सिर्फ अवैध वसूली कर
बटोरे। पिछले साल सितंबर में आईएसआईएस हर दिन 30 लाख डॉलर कमा रहा था। अब
वह सिर्फ 10 लाख डॉलर प्रतिदिन कमा पा रहा है।
- आईएचएस जेन्स टेररिज्म एंड इन्सर्जेंसी सेंटर के मुताबिक, आईएसआईएस
ने सालभर में इराक-सीरिया में 3095 हमले किए हैं। इनमें 6546 आम नागरिकों
की मौत हुई है। मई 2015 में ही आईएसआईएस ने 90 हमले किए। आईएस के 10 हजार
आतंकी पिछले एक साल में मारे जा चुके हैं। लेकिन अभी भी इसके लड़ाकों की
संख्या 50 हजार के आसपास है।
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