अब खुद से मिलने को जी करता है "मुमताज़"
बहुत बुरा हु ...बहुत से लोगो से सुना है
याद है मुझ को अपनी सारी गलतिया
बहुत बुरा हु ...बहुत से लोगो से सुना है
याद है मुझ को अपनी सारी गलतिया
एक मोहब्बत की
दूसरी तुम से की
तीसरी बेपन्हा की
दूसरी तुम से की
तीसरी बेपन्हा की
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