तुम भी शीशे की तरह बेवफा निकले
जो सामने आया उसी के हो जाते हो
मैं लफ्ज़ो में कुछ भी इजहार नही करता
मतलब यह नही के तुझ से प्यार नही करता
जो सामने आया उसी के हो जाते हो
मैं लफ्ज़ो में कुछ भी इजहार नही करता
मतलब यह नही के तुझ से प्यार नही करता
चाहता हु मैं तुझे बे इन्तहा आज भी पर
तेरी सोच में अपना वक्त बेकार नही करता
जो कुछ मिला है उसी में खुश हु में
तेरे लिय ख़ुदा से टकरार नही करता
कुछ तो है तेरी फितरत में ओ ज़ालिम
वरना तुझे चाहने की भूल बार बार नही करता
तेरी सोच में अपना वक्त बेकार नही करता
जो कुछ मिला है उसी में खुश हु में
तेरे लिय ख़ुदा से टकरार नही करता
कुछ तो है तेरी फितरत में ओ ज़ालिम
वरना तुझे चाहने की भूल बार बार नही करता
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