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09 मार्च 2015

क़लम कभी बूढी नहीं ,,क़लम कभी रिटायर नहीं होती

कहते है क़लम कभी बूढी नहीं ,,क़लम कभी रिटायर नहीं होती और यह सच साबित कर दिखाया है हमारे भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क ने ,,,अपने सरकारी कार्यकाल में सुबह से शाम तक सरकारी योजनाओ के लिखित प्रचार प्रसार के बाद थोड़ा सा सुस्ताने की जगह यह अपनों के लिए अपनों की बात लिखते रहे है ,,,इनकी सेवानिवृत्ति के बाद डॉक्टर सिंघल की क़लम की सियाही सूखी नहीं बल्कि और तेज़ तर्रार हो गयी है ,,नियमित रूप से कोटा आई समाचार पत्र का प्रकाशन ,,स्मारिकाओं का लेखन ,,,,प्राकर्तिक सौंदर्य ,,पर्यटन से आम लोगों को परिचित कराने का इनका लेखन ,,इनका हुनर इन्हे लेखन क्षेत्र का महागुरु बनाता जा रहा है ,,,,,,,,,,,
ख्यातनाम लेखक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का जन्म 1953 में कोटा के बारां क़स्बे में हुआ ,,,,जो अब अलग से जिला बन गया है ,,पुलिस की गोद में पले बढ़े ,,संस्कारवान रिश्ते रहे और फिर अपना शिक्षण कार्य पूरा कर,,,, लेखन कार्य के साथ साथ कोटा में सहायक जन सम्पर्क अधिकारी का पदभार ग्रहण किया ,,कहने को सफर थोड़ा सा था ,,,जो जनसम्पर्क अधिकारी से संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क तक पहुंचा ,,,लेकिन इस दौरान प्रभात कुमार सिंघल ,,,कोटा पुलिस के मामले में शोध करने के बाद डॉक्टर बन गए ,,,,हाड़ोती की चित्र शैली ,,ऐतिहासिक धरोहर ,,,गीत ,,कला ,,भवन ,,महल ,,शेल चट्टाने ,,संस्कृति ,,,मौसम ,,इतिहास ,,,खाद बीज ,,त्यौहार ,,सड़क ,,पुल बांध ,,कुछ भी तो ऐसा नहीं बचा ,,,,जिस पर डॉक्टर सिंघल ने,, नहीं लिखा हो ,,,कोटा के त्योहारों ,,कोटा के मेले ,,कोटा के हर कार्यक्रम को ,,,राष्ट्रिय स्तर पर प्रचारित करने वाले ,,,डॉक्टर सिंघल को लिखने की आदत है और इसीलिए हिंदुस्तान की ,,,,कोई ऐसी मेगज़ीन ,,,कोई ऐसा अख़बार नहीं ,,जहां इनके आलेख प्रकाशित नहीं किये गए हो ,डॉक्टर सिंघल शांत ,,सौम्य ,हंसमुख ,,मिलनसार व्यक्तित्व के धनी होने से ,,,आज भी यारों के यार कहे जाते है ,,,जो इनसे मिलगया समझो बस वोह इनका होकर रह गया ,,,,,,काम को समर्पण भाव से करते रहना ,,,बिना किसी की आलोचना के ,,,खुद को बुलंद करना ,,,इनकी संस्कृति रही है और इसीलिए यह शीर्ष पद से रिटायर होने के बाद सिस्टम से लड़ते रहे ,,इन्हे फिर राजकीय सेवा में रखा गया ,,,लेकिन हालातों ने साथ नहीं दिया और बीच में ही इन्होने सरकार को अलविदा कह दिया ,,,कई दर्जन पुस्तकों के प्रकाशक ,,कई दर्जन स्मारिकाओं के प्रकाशक ,,,सैकड़ों पुस्तकों के संपादक ,,हज़ारो हज़ार लेखों के लेखक रहे भाई डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल अपने अल्फ़ाज़ों से ज़र्रे को आफ़ताब बनाने का हुनर रखते है ,,,,,,,, उन्हें बधाई मुबारकबाद ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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