आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

13 मार्च 2015

कब तक आखिर कब तक

कब तक आखिर कब तक
तुम मेरा इम्तेहान लोगे
मुझे अपना कहकर
ओरो की बात सुनोगे
फिर मुझे इलज़ाम डोज
कब तक आखिर कब तक
तुम्हे मुझ से प्यार का '
जो दिखावा है जब तक
चाहो जो इलज़ाम धर लो
लेकिन यक़ीन मानना
अभी मेरा सच भी तुम्हे झूंठ लगता है
जब तुम्हे मुझ से प्यार होगा
देख लेना ,,हाँ देख लेना
मेरा झूंठ भी तुम्हे दिल से सच लगेगा
शायद इसी को प्यार कहते है
शायद जो तुम्हारा यक़ीन नहीं
इसी को हाँ इसी को
प्यार करने का दिखावा कहते है ,,,,,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...