आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 मार्च 2015

बेवफाई करते हो

अजीब फ़ितरत है
बेवफाई करते हो
बेवफा कहने से डरते हो ,,
मेरे बगैर खुश हो तुम फिर भी
बताओ तो सही
मेरा इन्तिज़ार किसलिए
क्यों करते हो ,,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...