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03 मार्च 2015

हंगामे के दौरान लाठी लगने से चीख पड़े सचिन पायलट, कपड़े खोल दिखाई चोट


जयपुर. केंद्र के भूमि अधिग्रहण बिल पर मंगलवार को कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। पहले विधानसभा के बाहर, फिर सदन में। सदन में कार्यवाही में बाधा डालने पर स्पीकर कैलाश मेघवाल ने आठ कांग्रेसी और एक निर्दलीय विधायक को निलंबित कर दिया। हंगामे की शुरुआत यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन से हुई। जब कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़े तो पुलिस ने लाठियां भांजी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व विधायक अशोक चांदना को चोटें आईं। शाम 4:54 बजे चांदना सदन में आए और इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।
चोट दिखाते पायलट, दाएं पायलट को लगी पुलिस की लाठी तो कार्यकर्ताओं के बीच वे चीख उठे।
चोट दिखाते पायलट, दाएं पायलट को लगी पुलिस की लाठी तो कार्यकर्ताओं के बीच वे चीख उठे।
चांदना जब सदन में पहुंचे तो नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रख रहे थे। चांदना उनके पास पहुंचे। फिर प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक गोविंदसिंह डोटासरा के पास। अपने संबोधन को समाप्त करने से पहले ही डूडी ने लाठीचार्ज का मुद्दा उठा दिया। इस पर कांग्रेस के कई सदस्य खड़े हो गए।
चांदना ने सदन में ही अपना कुर्ता उतारा और अपनी चोटें दिखाने लगे। इस पर स्पीकर कैलाश मेघवाल ने उन्हें टोका। वे नहीं माने और अन्य कांग्रेसी सदस्यों के साथ वेल में आ गए। नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष भी साथ थे। वे पहले बोले गृहमंत्री जवाब दें कि विधायक पर लाठीचार्ज क्यों किया। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायक और कांग्रेस विधायकों के बीच नोकझोंक चलती रही। स्पीकर मेघवाल समझाते रहे।
हंगामे को लेकर गृह मंत्री गुलाब कटारिया ने विधानसभा में कहा- मैं कानून लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने वालों की शक्ल नहीं देखता। आप विधायक हैं तो कोई सर्टिफिकेट नहीं मिल गया कानून हाथ में लेने का। कानून व्यवस्था बिगाड़ेंगे तो क्या पुलिस गीत गाएगी। मुझे क्या पता कि लाठी कहां खाकर आए हैं।
कटारिया ने कहा कि मैंने पूरी फुटेज देखी है। पूरी 30 मिनट (3.40 से 4.10 बजे ) की फुटेज में पुलिस की एक भी लाठी विधायक सहित किसी भी व्यक्ति को नहीं लगी। पुलिस खुद को ही ‘डिफेंड’ करती नजर आ रही है। गृहमंत्री ने कहा कि सौ से डेढ़ सौ लोग पुलिस से गुत्थम-गुत्थी करते रहे, पर पुलिस आधा घंटे तक केवल हाथों से ही उन्हें धकेलती रही। गृह मंत्री ने कहा-ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक सोचा-समझा षडय़ंत्र था, जो केवल हल्ला मचाने की दृष्टि से किया गया। मेघवाल ने भी कटारिया की बात को दोहराया और कहा कि किसने लाठी मारी, जांच का विषय है।
सदन मों होती रही नोक झोक
संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा, गृहमंत्री सदन में सारे तथ्यों की रिपोर्ट लेकर कल जवाब दे देंगे। इस पर कांग्रेसी सदस्य नहीं माने। कहा, आज ही जवाब चाहिए। फिर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आप सदन की नेता का जवाब सुन लीजिए, उसके बाद आज ही जवाब दे देंगे, लेकिन कांग्रेस के सदस्य इस पर भी नहीं माने। वे सदन की नेता से जवाब की बात कहते हुए नारे भी लगाने लगे। इस बीच स्पीकर और सदस्यों में बार-बार नोकझोंक होती रही।

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