चंडीगढ़। आम
आदमी पार्टी में खींचतान के बीच योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को
राजनीतिक मामलों की कमेटी से हटाना लगभग तय हो गया है। 4 मार्च को होने
वाली पार्टी की नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में इस पर फैसला हो
सकता है। कमेटी के अधिकांश सदस्य केजरीवाल
के संयोजक बने रहने और प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव को राजनीतिक मामलों
की कमेटी से हटाए जाने के पक्ष में है। वहीं इस मीटिंग में योगेंद्र यादव
के खिलाफ पार्टी के खिलाफ खबरें लगवाने के संबंध में केजरीवाल कुछ
रिकाॅर्डिंग्स भी पेश कर सकते हैं।
दरअसल कुछ महीने पहले सुनाम में मीडिया से बातचीत में केजरीवाल के
खिलाफ प्रशांत भूषण ने कुछ व्यंग्य कसा था। यह बात पार्टी को नागवार गुजरी।
वहीं इसके बाद दिल्ली में एक अंग्रेजी अखबार में पार्टी की अंदरूनी स्थिति
के बारे में खबर छपी। इसमें लिखा कि केजरीवाल अपने फैसले पार्टी पर थोप
रहे हैं। केजरीवाल ने इस खबर की जांच खुद की। पत्रकार ने बताया कि उन्हें
यह खबर योगेंद्र यादव ने दी थी। इसके लिए उन्हें चंडीगढ़ बुलाया गया था।
केजरीवाल ने यह बातें रिकॉर्ड कर लीं।
केजरीवाल ने इस बारे में योगेंद्र से पूछा तो उन्होंने पत्रकार से
बातचीत से इनकार कर दिया। रिकॉर्डिंग सुनाई तो उन्होंने पत्रकार पर झूठ
बोलने के आरोप लगाए। अब इसी रिकार्डिंग से पार्टी में विवाद शुरू हुआ जो
यादव को पार्टी से निकलवा सकती है।
...लोकपाल के लेटर लिखने से शुरू किया खेल
योगेंद्र अौर प्रशांत के खास माने जाने वाले लोकपाल रामदास ने चिट्ठी
लिखी कि केजरीवाल अब सीएम हैं, इसलिए उन्हें संयोजक पद छाेड़ देना चाहिए।
उम्मीद थी कि पार्टी संयोजक की जिम्मेदारी प्रशांत भूषण या योगेंद्र यादव
में से किसी एक को मिलेगी। हालांकि केजरीवाल ने खुद कमेटी काे पत्र लिखकर
संयोजक पद छोड़ने को कहा था लेकिन पार्टी चाहती थी कि यह पद केजरीवाल अपने
पास ही रखें। इसके बाद प्रशांत ने भी कहा, ‘पार्टी व्यक्ति केंद्रित हो गई
है।’ आरोप है कि प्रशांत और योगेंद्र ने पार्टी के पत्र मीडिया तक
पहुंचाए।
दिलीप पांडे ने की थी शिकायत
योगेंद्र और प्रशांत पर पार्टी के खिलाफ खबरें प्रकाशित करवाने के
आरोप पार्टी सेक्रेटरी दिलीप पांडे ने लगाए थे। पांडे केेजरीवाल के करीबी
हैं।
आरोप बेबुनियाद: योगेंद्र
योगेंद्र ने फेसबुक पर लिखा, ‘अब काम करने का वक्त है। पिछले कुछ दिनों से मुझ पर और प्रशांतजी पर आरोप लगाए जा रहे हैं। यह सब काल्पनिक है। ऐसी खबरों पर हंसी आती है। दुख भी होता है।’
योगेंद्र ने फेसबुक पर लिखा, ‘अब काम करने का वक्त है। पिछले कुछ दिनों से मुझ पर और प्रशांतजी पर आरोप लगाए जा रहे हैं। यह सब काल्पनिक है। ऐसी खबरों पर हंसी आती है। दुख भी होता है।’
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