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02 मार्च 2015

J&K: सरकार बनते ही PDP विधायकों ने अफजल का शव लौटाने को कहा


J&K: सरकार बनते ही PDP विधायकों ने अफजल का शव लौटाने को कहा
 
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विवादित बयान दे रही है। ताजा मामले में पीडीपी के सात विधायकों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि संसद पर हमले में मौत की सजा पा चुके अफजल गुरु का शव वापस किया जाए। एक बयान जारी कर इन विधायकों ने कहा है कि अफजल को फांसी देकर न्याय का मजाक उड़ाया गया था। जिन विधायकों ने साझा बयान जारी किया है, उनमें मोहम्मद खलील, जहूर अहमद मीर, राजा मंजूर अहमद, मोहम्मद अब्बास वानी, यावर दिलावर मीर, एडवोकेट मोहम्मद यूसुफ, एजाज अहमद मीर और नूर मोहम्मद शेख शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है कि पीडीपी पहले भी इस बात को लेकर एतराज जता चुकी है कि अफजल गुरु को 28 वें नंबर से उठाकर सीधे फांसी पर चढ़ा दिया गया। अफजल गुरु ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल की थी। उनकी फाइल का नंबर 28 था। उनसे पहले 27 और फाइलें थीं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पीडीपी ने अफजल गुरु का शव मांगा हो। 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी। उसका शव तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया था।
बीजेपी ने जताया एतराज
बीजेपी के नेता और जम्मू-कश्मीर की नौशेरा सीट से पार्टी के विधायक रविंदर राणा ने कहा है कि ऐसे बयानों (अफजल पर पीडीपी विधायकों के) से बचना चाहिए और इससे घाटी में अशांति फैलेगी।
मुफ्ती अपने बयान पर कायम
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर दिए गए बयान को लेकर भले ही केंद्र सरकार को संसद में सफाई देनी पड़ी है, लेकिन सईद अब भी अपने बयान पर कायम हैं। जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा है कि वह पाकिस्तान पर दिए अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा है कि पिछले चुनाव में हुर्रियत ने उस तरह का हस्तक्षेप नहीं किया, जैसा वे पहले करते रहे हैं। रविवार को दिए गए मुफ्ती के बयान के बाद संसद में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। अपने बयान पर कायम सईद ने सोमवार को कहा कि मीडिया ने तिल का ताड़ बना दिया। सईद ने कहा कि पाकिस्तान और हुर्रियत ने भारत में लोकतंत्र को मान्यता दी है और उन्होंने चुनाव के दौरान उस तरह का हस्तक्षेप नहीं किया, जैसा कि वे करते रहे हैं। सईद ने रविवार को शपथ लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पाकिस्तान, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और आतंकी संगठनों को भी श्रेय दिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने चुनाव के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया।
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन कायम रहेगा: महबूबा
इस बीच, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उनकी पार्टी और बीजेपी का गठबंधन कायम रहेगा। महबूबा के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला अब केवल ट्वीट ही कर सकते हैं और अगले छह साल तक उनके पास ट्वीट करने के लिए काफी वक्त है। महबूबा ने यह बयान उमर अब्दुल्ला के उस ट्वीट के बाद दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था, 'क्या मुफ्ती ने फैसला कर लिया है कि मोदी-मुफ्ती समझौता एक भूल थी और 'बाप-बेटी' की जोड़ी बीजेपी को गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर कर देगी?'
संसद में घिरी सरकार
मुफ्ती के बयान को लेकर सोमवार को विपक्ष ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। मुफ्ती ने रविवार को कहा था कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। मुफ्ती के बयान पर कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी से सफाई मांगी है। इस बीच संसद में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुफ्ती के बयान को दरकिनार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग और सैन्य बल को श्रेय जाता है।
कांग्रेस ने कहा-संसद में आकर बयान दें पीएम
सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के बयान पर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी और केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। लोकसभा से वॉक आउट करने के बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ''इस मुद्दे पर पीएम सदन में आकर बयान दें और जम्मू-कश्मीर के सीएम के बयान की निंदा करें, ताकि इस प्रकार का बयान देने वालों के बीच स्पष्ट संदेश जाए।'' उन्होंने कहा कि पीएम को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस संबंध में उनकी मुफ्ती से कोई बात हुई है।
मुफ्ती के बयान से केंद्र, बीजेपी का कोई वास्ता नहीं: राजनाथ
संसद में सरकार की ओर से सफाई पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं दो टूक शब्दों में स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारी सरकार और हमारी पार्टी का सीएम मुफ्ती के बयान से कोई वास्ता नहीं। इस संबंध में पीएम से बात हुई है, उसके बाद ही मैं यह बयान दे रहा हूं। मुफ्ती और पीएम के बीच इस मसले पर कोई बातचीत नहीं हुई है। इस मुद्दे पर अब कोई असमंजस की स्थिति नहीं रह जानी चाहिए।'' बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट किया है कि कश्मीर में चुनाव शांतिपूर्ण हुआ, उसके लिए वहां की जनता बधाई की पात्र है। वहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने का सारा श्रेय चुनाव आयोग और सेना के जवानों को दिया जाना चाहिए।
क्या कहा था मुफ्ती ने
सीएम बनते ही मुफ्ती सईद ने रविवार को एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अलगाववादियों, पाकिस्तान और आतंकवादियों ने मिलकर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया। मुफ्ती ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी से भी स्पष्ट कहा था कि अगर सीमा पार से आतंकी या अलगाववादी नेता हरकत करते तो ऐसा चुनाव नहीं हो पाता।

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