भोपाल. इबादत
में चार चांद। बोहरा समाज की यह मस्जिद करोंद में बनकर तैयार है। इसे
मिस्र और यमन की निर्माण शैली में तामीर किया गया है। इंग्लैंड व पाकिस्तान
में बोहरा समुदाय की ऐसी ही मस्जिदें हैं।
सोने से लिखी कुरान की आयतें
- चार साल में बनी इस इबादतगाह में करीब छह हजार लोग बैठ पाएंगे। इसी
महीने धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन तशरीफ लाएंगे तब इसके दरवाजे
इबादत के लिए खुल जाएंगे।
- डेढ़ करोड़ में बनी चार मंजिला मस्जिद के दरो-दीवार पर मिस्र और यमन के स्थापत्य की छाप।
- मस्जिद में अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो सिस्टम है। दुनिया के किसी भी कोने से सैयदना साहब की तकरीर के सीधे प्रसारण का इंतजाम।
- सोने से लिखी हैं दीवारों पर कुरान-ए-पाक की आयतें। क्रिस्टल के कई शानदार फानूस।
- मकराना के चमचमाते संगमरमर पर खूबसूरत कलात्मक नक्काशी है।
- दीवारों पर लाइट क्रीम व लेमन कलर इस्तेमाल किया गया है ताकि आंखों को सुकून मिले।
- डेढ़ करोड़ में बनी चार मंजिला मस्जिद के दरो-दीवार पर मिस्र और यमन के स्थापत्य की छाप।
- मस्जिद में अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो सिस्टम है। दुनिया के किसी भी कोने से सैयदना साहब की तकरीर के सीधे प्रसारण का इंतजाम।
- सोने से लिखी हैं दीवारों पर कुरान-ए-पाक की आयतें। क्रिस्टल के कई शानदार फानूस।
- मकराना के चमचमाते संगमरमर पर खूबसूरत कलात्मक नक्काशी है।
- दीवारों पर लाइट क्रीम व लेमन कलर इस्तेमाल किया गया है ताकि आंखों को सुकून मिले।
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