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16 फ़रवरी 2015

कोर्टरूम में ही चली गोलियां: जान बचाकर भागे जज, नामी बदमाश की मौत


मुजफ्फरनगर. यूपी में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि अब वे कोर्ट रूम में जज के सामने ही दिनदिहाड़े हत्या कर रहे हैं। सोमवार को मुजफ्फरनगर का एडीजे-10 कोर्ट गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। कोर्ट रूम के अंदर ही जज के सामने बेखौफ बदमाशों ने पेशी पर आए कैदी की हत्या कर दी। बदमाश वकील के भेष में कोर्ट में दाखिल हुआ था। जिस कैदी को गोली लगी वह नामी बदमाश विक्की त्यागी था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पकड़ा गया हत्यारोपी सागर मलिक।
पकड़ा गया हत्यारोपी सागर मलिक।
वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। फायरिंग होते ही कोर्ट रूम में भगदड़ से हालात हो गए। जज से लेकर हर कोई अपने जान बचाने के लिए छिपना शुरू कर दिया। गोलियों की आवाज सुनते ही पुलिसकर्मी कोर्ट रूम की तरफ दौड़ पड़े। उन्होंने तुरंत जज को अपनी सुरक्षा में लेकर कोर्ट रूम से बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि मृतक विक्की त्यागी अपनी पत्नी के संग बीते कई सालों से जेल में बंद था। विक्की पर हत्या और लूट के कई मुकदमे दर्ज थे। दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने कोर्ट की सुरक्षा-व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।
बताया जा रहा है कि विक्की त्यागी को कोदद्वारा जेल से पेशी पर अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश मयंक चौहान की एडीजे-10 कोर्ट लाया गया था। कोर्ट रूम के अंदर ही एक सत्रह साल का युवक सरदार वकील के रूप में मौजूद था। उन्होंने विक्की को देखते ही उस पर पिस्टल से ताबड़तोड़ फायर झोंक दिया। इससे विक्की की मौके पर ही मौत हो गई। फायरिंग होते ही कोर्ट में भगदड़ मच गई। जिस समय यह वारदात हुई जज कोर्ट रूम में ही मौजूद थे।

घटना की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस फोर्स पहुंच गई। पूरे कोर्ट परिसर को अपने कब्जे में लेकर जबरदस्त तलाशी ली गई। पुलिस ने पकड़े गए हमलावर से पूछताछ में जुट गई है। वहीं, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि बीते महीने मुजफ्फरनगर जेल में सिपाही चुन्नी लाल की हत्या भी विक्की त्यागी ने कराई थी।
कोर्ट में मौजूद वकीलों का कहना था कि पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। बदमाश इतने बेखौफ हो चले है कि भारी सुरक्षा के बीच घटना को अंजाम दे रहे हैं। वकील अनुराग सिंह का कहना है कि जब भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट के अंदर हत्याए हो रही हैं तो आम आदमी कैसे महफूज रह सकता है। इस हत्या के बाद अब सिलसिले बार गैंगवार होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

बीते साल फैजाबाद कोर्ट में भी हुआ था ऐसा ही हमला
बीते साल 2014 में जुलाई में भी फैजाबाद का सिविल कोर्ट कैंपस बुधवार को बम धमाकों और गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। बम और असलहों से लैस बदमाशों ने पेशी पर आए सुल्तानपुर के पूर्व विधायक सोनू सिंह के भाई मोनू सिंह को निशाना बनाकर बमों से ताबड़तोड़ हमले किए थे और गोलियां भी बरसाईं थी। हमले में एक हमलावर सहित दो लोगों की मौके पर मौत हो गई और आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे।
विक्की त्यागी मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल क्षेत्र के गांव पावटी का रहने वाला था। उसने 2005 में एक ग्राम प्रधान की हत्या कर अपराध की दुनिया में कदम रखा था। एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह के मुताबिक, पुलिस की गिरफ्त में आए सागर मलिक ने ही विक्की त्यागी की हत्या की है। हत्यारोपी ने दो साल पहले अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया है।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी सागर मलिक ने दिनदिहाड़े कोर्ट परिसर में थाना फुगाना क्षेत्र के गांव बहावड़ी प्रधान की हत्या कर चुका है। इसके बाद उसे बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहां से वह फरार हो गया। जानकारी के मुताबिक, उसने अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया है।

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