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28 फ़रवरी 2015

एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था आज कोटा में गुमनामी के अँधेरे में है

एक हस्ती जिससे कोटा ही नहीं राजस्थान रोशन था आज कोटा में गुमनामी के अँधेरे में है ,,कभी कांग्रेस का स्तम्भ रहे रामकिशन वर्मा का हाल ही में कोटा कांग्रेस के धिन्तन मंथन सेमिनार में कोई नाम लेवा भी नहीं था उन्हें पूर्व मंत्री की हैसियत से भी कोटा या फिर प्रदेश कांग्रेस ने याद तक नहीं किया ,,दोस्तों रामकिशन वर्मा जो कभी राजनीति के अखाड़े के सुपरहिट पहलवान थे ,,जिनके कई पट्ठे आज राजनितिक अखाड़ों के सिरमौर है ,,जो अपने दांव पेच और पटेबाज़ी से हर चुनाव जीतकर मुखर होते थे ,,,वही रामकिशन वर्मा आज गुमनामी के अँधेरे में है ,,,,कोटा जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ,,,कोटा राजकीय महाविद्यालय के निर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष ,,राजस्थान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर केबीनेट मंत्री रहे रामकिशन वर्मा को कोटा के विकास ,,कोटा कांग्रेस की मज़बूती के दौर में अगर याद ना किया जाए तो यह नाइंसाफी की बात होगी ,,,,,,,,सादगी ,,ईमानदारी ,,यारबाज़ी का प्रतीक रहे रामकिशन वर्मा अशोक गेहलोत ,,भेरो सिंह शेखावत के निजी मित्रों में प्रमुख रहे है ,,,,रामकिशन वर्मा शिवचरण माथुर ,,हरिदेव जोशी ,,अशोक गेहलोत मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री रहे है ,,राजस्थान आवासन मंडल ,,स्वायत शासन ,,,खाद्य आपूर्ति रसद ,,,,युवा खेल मामलात ,,,,स्टेटिक्स ,,,भाषाई अल्पसंख़्यक वक़्फ़ जैसे ना जाने कितने मंत्रालयों के कामयाब मंत्री रहे रामकिशन वर्मा के कार्यकाल में ही कोटा नगर परिषद नगर निगम बनी ,,,,हाउसिंग बोर्ड की योजनाये शुरू हुई नए कोटा के नाम पर कॉलोनियां विकसित हुई ,,पानी की समस्या के लिए बढ़ी पाइप लाइन ,,गंदे पानी की निकासी के लिए सीवरेज लाइन बनी ,,चंबल गार्डन सहित ना जाने कितने खूबसूरत उद्यान बने ,,,सौंदर्यकरण योजनाये लागू हुई ,,,,रामकिशन वर्मा जो सियासत में यारबाज़ की छवि रखते है ,,उन्होेन अपने कई मित्रों को पहले उंगली पकड़कर चलना सिखाया फिर राजनीति के आला मुक़ाम पर स्थापित किया है ,,,वोह महमाँनवाज़ी में अव्वल कहे जाते थे ,,उनके जयपुर स्थित निवास पर कोटा को जो भी जाता था उसकी समस्या सुनवाई बाद में पहले उसे खाना खिलाया जाता था ,,,,किसी के काम में ना नुकुर नहीं ,,राजनितिक द्वेषता से किसी का नुकसान नहीं ,,,अधिकारियों पर कोई रॉब नहीं ,,,परिवार का मंत्री पद पर कोई असर कोई सिफारिश नहीं ,,,गाँधीवादी कांग्रेस ,,रामपुरा के सेव ,,,,कचोरी ,,,,,ठहाके ,,इनकी दिनचर्या रही है ,,,मंत्री बनते ही इनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह पत्रकारों को बुलाकर दोस्ताना सुलूक करते और विभाग के बारे में सवाल पूंछने पर मासूमियत से विनम्र होकर हाथ जोड़ते हुए जवाब देते ,,,,आप आओ ,,,,खाओ पियों ,,अपने सभी काम करवाओ ,,लेकिन मुझ से विभाग के बारे में सवाल मत करो ,,यह अधिकारीयों के काम है ,,मुझे पता नहीं कोनसे स्विच से कोनसा पंखा चलता है ,,वोह हँसते कोटा की विकास योजनाये बनाते ,,तलवंडी ,,वक्फनगर ,,,विज्ञाननगर ,,महावीर नगर ,दादाबाड़ी ,,,बसंत विहार ,,केशवपुरा सहित कई ऐसी कॉलोनियां है जो इनके कार्यकाल में शहरीकरण योजना के तहत विकसित हुई है ,राजस्थान में इन्होने खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया ,,निर्भीक ,,नीडर ,,बेबाक होकर अपनी बात कहना ,,अपनों के साथ अपनी बात करना ,,,,यारबाज़ी के सिद्धांत के तहत अपने लोगों को पुरस्कृत करना इनका स्वभाव रहा है ,,,,,यह कोटा लाडपुरा ,,रामगंजमंडी से कई बार विधायक रहे है ,,,,,कोटा देहात कांग्रेस के अध्यक्ष रहे है ,,,,,,,,,प्रदेश की कई समितियों में रहे है ,,,,कोटा ईदगाह को इनके कार्यकाल में ही चंबलगार्डन की ज़मीन के बदले प्रतीकात्मक राशि जमाकर भूमि आवंटित की गई थी ,,इनके वक़्फ़ देवस्थान मंत्री कार्यकाल में कई मंदिरों का उद्धार हुआ तो कई दरगाह ख़ानक़ाह को प्रयत्नों से जोड़ा गया ,,,यातायात मंत्री के कार्यकाल में कई गाँव बस सेवा से जोड़े गए ,,,शहरी यातायात को सुगम बनाया गया ,,,,,रामकिशन वर्मा कई बार केबिनेट मंत्री रहे महत्वपूर्ण बिभागों में रहे सभी मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रह प्रतीपक्ष में रहने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्रियों के नज़दीक रहे ,,लेकिन कभी घमंड नहीं ,,कभी विवाद नहीं ,,कभी किसी के वाजिब काम से इंकार नहीं ,,कभी किसी से मुलाक़ात मिलने में नखरेबाजी नहीं ,,,आज भी आप रामपुरा की ऐतिहासिक पीपली के पास अपना सात्विक साधू की तरह राजनितिक जीवन जी रहे है और उदारता विनम्रता से आने वाली सियासी पीढ़ी के लिए एक मिसाल बने है ,,,ऐसी शख्सियत को अगर सचिन पायलेट जिनके वालिद ,,जिनकी वालदा के रामकिशन वर्मा मुखर साथी रहे है ,,जिसे गोद में खिलाया हो ,,जो कभी गुर्जर समाज के एक छत्र नेता रहे हो तो दिल दुखता है ,,अफ़सोस होता है के ऐसी शख्सियत जिसने राह चलते लोगों को बुलाकर आला मुक़ाम दिया आज वोह खुद गुमनामी के अँधेरे में है ,,जिनकी रौशनी से राजस्थान रोशन था आज वोह दिया गुमनामी में टिमटिमा रहा है ,,मुझे यक़ीन है के एक शख्स विनम्र शख्स ऐसा भी है जो इस आलेख को पढ़कर इस बुझते हुए चिराग के दिए में तेल डालेगा और फिर इनके अंधकार को दूर कर इनकी शख्सियत को रोशन करेगा ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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