,दोस्तों पिछले दिनों में अपने समाज से जुड़े संगठन पॉपुलर फ्रंट के एक
सामजिक कार्यक्रम में कोटा शहर क़ाज़ी के साथ मौजूद था ,,एक कार्यक्रम पहले
अल्सपसंख्य्कों के कल्याण से संबंधित सेमीनार पर करवाया था जिसमे कांग्रेस
के पदाधिकारी शामिल थे ,,बस एक जनाब अख़बार की कटिंग लेकर अपने आक़ा पूर्व
मंत्री के पास शिकायत करने जा पहुंचे ,,,,मेरे ही समाज के इन गुलाम बने
मेरे भाई से में पूंछना चाहताा हूँ के समाज के मंचो पर इनके आक़ा नेताओं
की भाजपा ,,आर एस एस ,,विश्वहिन्दुपरिषद के नेताओं
से हंसी ठिठोली पर इन्होने कभी सवाल नहीं उठाये ,,पार्टी विधारधारा समाज
की विचारधारा के मुक़ाबिल ख़ास महत्व नहीं रखती ,,इन गुलाम साहब को समझना
चाहिए क्या हम लोग इन गुलामों की तरह हमारे भाइयों से मिलना जुलना ,,उनके
दुखदर्द में हाथ बंटाना सिर्फ इसलिए छोड़ दे क्योंकि वोह हमारी सियासी
विचारधारा के नहीं है ,,,में शर्मिंदा हूँ ऐसी छोटी सोच के मौक़ापरस्त
चुगलखोरों पर ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ,
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