कोटा में क़ानून का केसा दुरूपयोग , कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर क़ानून के नाम पर केसा अत्याचार ,,,कांग्रेस कैसे बिखरी हुई है एक जुट होकर किसी कोंग्रेसी में पुलिस के इस ज़ुल्म इस अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन कर इस अत्याचार को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं है ,,अफ़सोस इस बात का है के कांग्रेस के दिग्गज नेताओ ने इस मामले में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर अत्याचार के खिलाफ ब्रीफिंग नहीं की है ,,,एक विधायक प्रतिबंधित चुनाव क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से जाते है प्रचार करते हुए पकड़े जाते है ,,पुलिस या प्रशासन ,,निर्वाचन अधिकारी लोकप्रतििनिधित्व अधिनियम के तहत कोई कार्यवाही नहीं करते ,,,कांग्रेस के नेता कोई लिखित में शिकायत नहीं दर्ज कराते ,,,,मामला बिगड़ता है ,,गाड़ी फोड़ नादान लोगों द्वारा क़ानून हाथ में लेकर की जाती है ,,मुक़दमा दर्ज होता है ,,सभी जानते है के दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के अनुपालन में पुलिस फौजदारी दर्ज मुक़दमे में कांग्रेस के नामज़द लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकती इसलिए कार्यकर्ताओं की धरपकड़ विधिविरुद्ध तरीके से शांतिभग मामला बनाकर की गयी ,,,अवैध हिरासत में रखा गया ,,,कार्यपालक मजिस्ट्रेट की जगह तहसीलदार के सामने पेश किया गया ,,कानूनन और सुप्रीम कोर्ट ,,राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशानुसार की भी तसीलदार स्तर का अधिकारी किसी अभियुक्त से तस्दीक़ शुदा ज़मानत नहीं मांग सकता लेकिन ऐसा हुआ ,,विधि विरुद्ध ज़मानत मांगी गयी ,,जेल भेजा गे फिर हैसियत प्रमाण पत्र देकर ज़मानत हुई ,,,,,,,,,,राजेन्द्र सांखला ,,,,रज़ाक बाबा ,,आबिद कागज़ी सहित कुछ कार्यकर्ताओं ने स्वेच्छा से परसो रात को सरेंडर किया लेकिन उन्हें नाजायज़ हिरासत में रखा ,,गिरफ्तारी नहीं बताई चौबीस घंटे में गिरफ्तार व्यक्ति को अदालत पेश करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना की गयी ,,,,,किसी कांग्रेस के पदाधिकारी ने कोई हंगामा नहीं किया ,,फिर जब चुनाव हो गए ,,कार्यवाही पूरी हुई तो शांतिभंग में गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बनता ,,चुनाव के दिन गिरफ्तारी जायज़ थी लेकिन आज पुरानी घटना को लेकर बनवावती वर्त्तमान मामला गलतबयानी कर बनाने की पुलिस कार्यवाही झूंठी होगी यह बात कोटा के सभी लोग और कांग्रेस के करयकर्ता जानते है ,,शांतिधारीवाल धरीवाल जो पूर्व गृहमंत्री रह चुके है उन्हें इस मामले में ऐसे पुलिस प्रशासन के खिलाफ गंभीर प्रदर्शनकारी क़दम उठाना चाहिए ,,,अफसरों से सभी नक़ल प्राप्त कर इस प्रकार के कृत्रिम और झूंठे मामले बनाने पर दोषी पुलिस अधिकारीयों को निलंबित करने के लिए आंदोलन करना चाहिए ,,,, लेकिन क्या ऐसा हो सकेगा ,, कार्यकर्ताओें के खिलाफ दमनकारी नीति मामले में कांग्रेस एक जुट है ,,शायद हाँ ,,शायद ना ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 सितंबर 2014
मोदी का 64 वां बर्थडे कल: आज पहुंचेंगे गुजरात, अगले दिन करेंगे चीनी राष्ट्रपति की अगुवानी
फाइल फोटो: अहमदाबाद में साबरमती नदी में बोटिंग करते नरेंद्र मोदी। इस बार अपने जन्मदिन पर कुछ समय मोदी साबरमती नदी के किनारे बिताएंगे।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 64 साल के
हो जाएंगे। मोदी चाहते हैं कि इस बार उनके समर्थक बुधवार को उनका जन्मदिन
मनाने की जगह जम्मू-कश्मीर में बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। इसे लेकर मोदी ने ट्वीट भी किए हैं। ट्विटर
पर पीएम ने लिखा है, 'मैं सुन रहा हूं कि देश में कई जगहों पर दोस्त और
शुभचिंतक मेरे जन्मदिन पर कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। मेरा आपसे
निवेदन है कि मेरा बर्थडे न मनाएं। इसकी जगह आप जम्मू-कश्मीर
में राहत के काम में खुद को लगाएं। समय की मांग है कि हम सभी जम्मू-कश्मीर
में अपने भाई-बहनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों।'
बीजेपी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में मिली जीत के मद्देनजर मोदी के
सम्मान में 17 सितंबर को 'धन्यवाद दिवस' के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे
थे। लेकिन मोदी के ट्वीट के बाद अब बीजेपी के कार्यकर्ता बर्थडे मनाने की
जगह जम्मू-कश्मीर बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री जुटाने में लग गए
हैं।
मोदी का कार्यक्रम
नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन से पहले 16 सितंबर यानी मंगलवार को ही गुजरात पहुंच जाएंगे। मंगलवार की दोपहर मोदी अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी गुजरात आएंगे। गुजरात बीजेपी और राज्य सरकार ने पीएम के भव्य स्वागत का कार्यक्रम बनाया है। लेकिन मोदी के ट्वीट के बाद इस कार्यक्रम के रद्द होने की संभावना है।
नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन से पहले 16 सितंबर यानी मंगलवार को ही गुजरात पहुंच जाएंगे। मंगलवार की दोपहर मोदी अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी गुजरात आएंगे। गुजरात बीजेपी और राज्य सरकार ने पीएम के भव्य स्वागत का कार्यक्रम बनाया है। लेकिन मोदी के ट्वीट के बाद इस कार्यक्रम के रद्द होने की संभावना है।
मोदी के जन्मदिन यानी 17 सितंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम:
सुबह
-सबसे पहले गांधीनगर में माता हीरा बेन का अशीर्वाद लेंगे।
-महात्मा मंदिर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित सत्कार समारंभ में भाग लेंगे।
-महात्मा मंदिर में प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य सरकार की पिछले 100 दिनों की उपलब्धियां पेश की जाएंगी।
-मोदी के द्वारा कुछ योजनाओं की घोषणा की जा सकती हैं। कार्यक्रम में जरूरतमंदों की मदद की जानी है।
-सबसे पहले गांधीनगर में माता हीरा बेन का अशीर्वाद लेंगे।
-महात्मा मंदिर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित सत्कार समारंभ में भाग लेंगे।
-महात्मा मंदिर में प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य सरकार की पिछले 100 दिनों की उपलब्धियां पेश की जाएंगी।
-मोदी के द्वारा कुछ योजनाओं की घोषणा की जा सकती हैं। कार्यक्रम में जरूरतमंदों की मदद की जानी है।
दोपहर
-मोदी दिन में ढाई बजे जिनपिंग का स्वागत करने एयरपोर्ट जाएंगे।
-होटल हयात में जिनपिंग और चीन के प्रतिनिधि मंडल के साथ मीटिंग करेंगे।
-होटल हयात से जिनपिंग के साथ महात्मा मंदिर पहुंचेंगे।
-मोदी दिन में ढाई बजे जिनपिंग का स्वागत करने एयरपोर्ट जाएंगे।
-होटल हयात में जिनपिंग और चीन के प्रतिनिधि मंडल के साथ मीटिंग करेंगे।
-होटल हयात से जिनपिंग के साथ महात्मा मंदिर पहुंचेंगे।
शाम
-साबरमती रिवरफ्रन्ट का जिनपिंग के साथ जायजा लेंगे।
-रिवरफ्रन्ट पर मोदी जिनपिंग के साथ डिनर करेंगे।
-डिनर के बाद प्रधानमंत्री मोदी ओर जिनपिंग दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
-साबरमती रिवरफ्रन्ट का जिनपिंग के साथ जायजा लेंगे।
-रिवरफ्रन्ट पर मोदी जिनपिंग के साथ डिनर करेंगे।
-डिनर के बाद प्रधानमंत्री मोदी ओर जिनपिंग दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
मेरे पति को रिझाया, शादी की और बना दिया मुसलमान, बेटी का भी कराया धर्म परिवर्तन'
भोपाल: यहां एक हिंदू महिला ने एक मुसलमान महिला पर उसके पति से शादी करने और उसका धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगाया है। हिंदू महिला ने इसे लव जिहाद का मामला बताया है। महिला के मुताबिक, उसके पति ने उसकी चार साल की बेटी का भी धर्म परिवर्तन करवा दिया।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, भोपाल की रहने वाली अमृता
आडवाणी ने राज्य महिला आयोग से इस बाबत शिकायत की है। आडवाणी का आरोप है
कि उसके पति अमित (28) को फिरदौस (35) नाम की महिला ने महंगे तोहफे देकर
अपनी ओर आकर्षित कर लिया।
आडवाणी के मुताबिक, अमित और फिरदौस उसकी चार साल की बेटी के साथ 25
जून को गायब हो गए। फिरदौस को पिछली शादी से एक बेटा भी है और उसके पति की
मौत हो चुकी है। आडवाणी ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन उसकी शिकायत दर्ज
नहीं की गई। आडवाणी अमित पर अपनी चार साल की बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज
कराना चाहती थीं। पुलिस ने दलील दी कि बच्ची अपने पिता के साथ गई है,
जिसके बाद महज गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। महिला आयोग ने पुलिस को इस
मामले में जांच करने को कहा है। आयोग का कहना है कि अगर यह महज प्रेम
प्रसंग का मामला भी है, तो भी अमित को अपने साथ बेटी को नहीं ले जाना चाहिए
था।
मां को लौटाई गई बेटी
अमित और फिरदौस अहमदाबाद के करीब सारखेज में एक किराए के मकान में रह रहे थे। पुलिस इन दोनों को शुक्रवार को भोपाल ले आई। इनके साथ इनके बच्चे भी थे। एसपी अरविंद सक्सेना के मुताबिक, बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया गया। हालांकि, अमित और फिरदौस के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
अमित और फिरदौस अहमदाबाद के करीब सारखेज में एक किराए के मकान में रह रहे थे। पुलिस इन दोनों को शुक्रवार को भोपाल ले आई। इनके साथ इनके बच्चे भी थे। एसपी अरविंद सक्सेना के मुताबिक, बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया गया। हालांकि, अमित और फिरदौस के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
समझौते की कोशिश
हिंदू महिला अपने पति से तलाक लेने को तैयार नहीं हुई। ऐसे में, पति ने उसके समक्ष एक प्रस्ताव रखा है। इसके मुताबिक, अमित उर्फ आयाज खान अपनी दोनों पत्नियों के साथ वक्त बांटने को तैयार है। उसके वकील के मुताबिक, अमृता ने इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए दो दिन का वक्त मांगा है।
हिंदू महिला अपने पति से तलाक लेने को तैयार नहीं हुई। ऐसे में, पति ने उसके समक्ष एक प्रस्ताव रखा है। इसके मुताबिक, अमित उर्फ आयाज खान अपनी दोनों पत्नियों के साथ वक्त बांटने को तैयार है। उसके वकील के मुताबिक, अमृता ने इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए दो दिन का वक्त मांगा है।
जिनपिंग की यात्रा से पहले 'ड्रैगन' की हरकत: चीनी सैनिकों के बाद अब नागरिकों ने की घुसपैठ
फोटो: चीनी सेना ने पिछले साल लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में घुसपैठ की थी।
नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन ने एक बार फिर भारतीय सीमा में घुसपैठ की है।
लद्दाख के डेमचोक इलाके में चीनी नागरिकों ने भारतीयों को सिंचाई परियोजना
पर काम करने से रोक दिया। चीनी नागरिक अपनी सरकारी गाड़ियों में वहां
पहुंचे और निर्माण रोक दिया। लेह के डिप्टी कमिश्नर सिमरनदीप सिंह ने इस
मामले की पुष्टि करते हुए कहा, 'पिछले एक हफ्ते से चीन के लोग वास्तविक
नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक बसे डेमचोक गांव में स्थानीय लोगों के काम
का विरोध कर रहे हैं। मनरेगा के तहत स्थानीय लोग सिंचाई प्रोजेक्ट पर काम
कर रहे थे।' इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।
मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने कहा, 'मैं आपको इस बात का यकीन
दिलाता हूं कि सीमा पर होने वाली घटनाओं का जवाब वहां तैनात हमारे जवान
देंगे। दोनों देशों (भारत और चीन) के बीच कई अनसुलझे मुद्दे हैं।'
इससे पहले लद्दाख के चुमुर इलाके में चीनी की ओर से घुसपैठ की गई थी।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 300 जवानों ने फिलहाल 100 भारतीय
जवानों को घेर रखा है और उन्हें जाने नहीं दे रहे हैं। इससे पहले रविवार
को रिपोर्ट आई थी कि 11 सितंबर को चीनी सेना लद्दाख के देमचोक इलाके में
भारतीय सीमा में 500 मीटर भीतर घुस आई थी। इस साल अगस्त तक चीनी सेना भारत
में 334 बार घुसपैठ कर चुकी है।
सीमा पर तनाव बढ़ा
घुसपैठ की हालिया घटना के बाद सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों को रोककर रखे जाने की वजह से स्थिति गंभीर हो गई है। खास बात यह है कि ये सारी चीजें भारतीय सीमा के भीतर हो रही हैं।
घुसपैठ की हालिया घटना के बाद सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है। चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों को रोककर रखे जाने की वजह से स्थिति गंभीर हो गई है। खास बात यह है कि ये सारी चीजें भारतीय सीमा के भीतर हो रही हैं।
डेमचोक में भारत-चीन ने भेजे और सैनिक
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर है कि लद्दाख के डेमचोक इलाके में जहां भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति है, वहां दोनों देशों ने अपने और सैनिक भेजे हैं। गौरतलब है कि देमचोक में 11 सितंबर को 30 चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार भारतीय सीमा में 500 मीटर अंदर घुस गए थे और तंबू गाड़ दिए थे। मामले की खबर मिलते ही इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 70 जवानों को इलाके में तैनात किया गया था।
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर है कि लद्दाख के डेमचोक इलाके में जहां भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति है, वहां दोनों देशों ने अपने और सैनिक भेजे हैं। गौरतलब है कि देमचोक में 11 सितंबर को 30 चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पार भारतीय सीमा में 500 मीटर अंदर घुस गए थे और तंबू गाड़ दिए थे। मामले की खबर मिलते ही इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के 70 जवानों को इलाके में तैनात किया गया था।
चीन ने इस साल 334 बार की घुसपैठ
चीनी सेना ने 2014 में 334 बार घुसपैठ की है। अगस्त में तो चीनी सैनिक लद्दाख के बुर्तसे क्षेत्र में भारतीय सीमा में 25 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे। भारतीय सेना के गश्ती दल ने पीएलए के अधिकारियों को देखा था। इसके बाद गश्ती दल लौट आया था। अगले दिन जब जवान फिर गश्ती पर निकले थे, तब भी चीनी सैनिकों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया था और उन्होंने 'यह चीनी क्षेत्र है वापस जाओ' लिखा हुआ झंडा ले रखा था। भारतीय गश्ती दल के साथ क्विक रिएक्शन टीम भी गई, लेकिन चीनी सैनिकों ने जगह छोड़ने से मना कर दिया था।
चीनी सेना ने 2014 में 334 बार घुसपैठ की है। अगस्त में तो चीनी सैनिक लद्दाख के बुर्तसे क्षेत्र में भारतीय सीमा में 25 किलोमीटर अंदर तक घुस गए थे। भारतीय सेना के गश्ती दल ने पीएलए के अधिकारियों को देखा था। इसके बाद गश्ती दल लौट आया था। अगले दिन जब जवान फिर गश्ती पर निकले थे, तब भी चीनी सैनिकों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया था और उन्होंने 'यह चीनी क्षेत्र है वापस जाओ' लिखा हुआ झंडा ले रखा था। भारतीय गश्ती दल के साथ क्विक रिएक्शन टीम भी गई, लेकिन चीनी सैनिकों ने जगह छोड़ने से मना कर दिया था।
पत्रकारिता के बदलते परिवेश मुद्दो को विभिन्न लेखों के माध्यम से एक स्मारिका में सजोया
मीडिया
इंफोर्मेशन ,,एजुकेशन ,,कम्युनिकेशन फोरम कोटा एवं कृष्णा मानव विकास
संस्थान कोटा के संयुक्त तत्वाधान में पत्रकारिता के बदलते परिवेश मुद्दो
को विभिन्न लेखों के माध्यम से एक स्मारिका में सजोया है ,,, इस पुस्तक को
विख्यात पत्रकार और लेखकों के शोधपत्र के
रूप में पत्रकारिता के बदलते हालातो पर एक रिसर्च स्मारिका कहा जा सकता
है ,,,जो पत्रकारिता के छात्रों ,,पत्रकारों और शोधार्थियों के लिए अत्यंत
उपयोगी पुस्तक साबित होगी ,,पुस्तक के कवर पेज को प्रतीकात्मक रूप से
कबूतर के संदेश से शुरू कर ,,प्रिंट पत्रकारिता फिर ,,ऑफसेट पत्रकारिता
,,फिर इंटरनेट ,,फिर टी वी पत्रकारिता ,,,से सोशल मिडिया और आधुनिक
पत्रकारिता के बदले हालातों को खूबसूरत अंदाज़ में दर्शाया गया है
,,,,पत्रकारित की इस पुस्तक के संपादक एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,,सह
संपादक डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल ,,सहयोगी संपादक महेश वर्मा ,,,विनय
भार्गव ,,के डी अब्बासी ,,,भंवर एस चारण ,,ने किया है जबकि ग्राफिक्स
मॅक्स्ल कम्प्यूटर के सलीम क़ाज़ी द्वारा किया गया है ,,,,,स्मारिका आशा देवी
मल्लाह द्वारा प्रकाशित की गयी है ,,,,,स्मारिका में डॉक्टर अमर सिंह
राठोड पूर्व निदेशक डी पी आर ,,,,का लेख हिंदी के क़ातिल समाचार पत्र
,,,,राजस्थान साहित्य एकेडमी के पूर्व अध्यक्ष वेदव्यास कआ आलेख इतिहास
बन गयी कप्तान की कथा ,,,,डॉक्टर तुक्तक भानावत द्वारा लिखा गया आलेख पूंजी
निवेशकों का बढ़ता नियंत्रण ,,,,पत्रिका के जय प्रकाश सिंह का आलेख भारत
में परम्परागत लोक जनसंचार माध्यम ,,,,अखिलेश बेगरी द्वारा लिखित लेख
समाचार पत्र आरम्भ से अब तक ,,रविन्द्र श्रीवास्तव का लेख ,,लीथो से वेब
दुनिया का सफर राजस्थान में थी राज्याश्रित पत्रकारिता ,,, डॉक्टर देवदत्त
शर्मा का आलेख पृष्ठ साज सज्जा ,,,पन्ना लाल मेघवाल का आलेख ,,प्रजामण्डल
पत्रिका का योगदान ,,अनुज कच्छल का आलेख हिंदी पत्रकारिता का अभ्युदय
,,,,अख्तर खान अकेला का आलेख ,,पत्रकारिता के बदलते हालात ,,,,,,डॉक्टर रवि
शर्मा द्वारा लिखित आलेख पत्रकारिता की विनम्र क़लम ,,,सुनील माथुर का लेख
,,पत्रकारिता में कॅरियर ,,,सलीमुद्दीन क़ाज़ी द्वारा लिखित लेख ,,,,देखो
बेचारा लघु समाचार पत्र ,,,,हेमंत शर्मा द्वारा लिखित लेख ,,,भारत में
समाचार पत्रों की पृष्ठ भूमि ,,नरेश विजयवर्गीय का लेख ,,सकरात्मक वातावरण
बनाने में पत्रकारों की भूमिका महत्वपूर्ण ,,,,रमेश गर्ग का लेख
,,,,इलेक्ट्रॉनिक मिडिया की आचार संहिता ,,,,भंवर एस चरण का लेख ,, प्रताप
कालीन पत्रकारिता ,,, प्रमोद कुमार सिंघल का लेख भारतीय राष्ट्रीयता और
हिंदी पत्रकारिता ,,,,एल आर शर्मा का आलेख ,,,मेवाड़ में पत्रकारिता तब और
अब ,,,,,के एल जेन का आलेख ,,,,मिडिया शब्दावली ,,, संजय शर्मा का आलेख
दृश्य संचार माध्यम रोक पेंटिंग्स ,,,बृजमोहन आत्मदीप द्वारा लिखित आलेख
,,पत्रकारों का महासंघ ऍन यु जे आई ,,,,राजेंदर सिंह हाड़ा का आलेख ,,,शीला
लक्ख बने जनसंचार का माध्यम ,,,,के डी अब्बसी द्वारा लिखित आलेख ,, चैनलों
का सत्यांश सम्प्रेषण घातक ,,,,,, अजय कुमार सिंघल का आलेख ,,,,,, भारतीय
भाषाई पत्रकारिता ,,,,,रेखा देवी का आलेख ,,,भारत के समाचार पत्रों के
पंजीयक ,,,,,रजत खन्ना द्वारा आलेखित लेख ,,,जनसंचार के नए रूप ,, ,,
श्रीमती शिखा अग्रवाल का लेख ,,,संचार माध्यमों में मुक्त प्रेस की स्थापना
,,,डॉक्टर डी ऍन गांधी का आलेख ,,,,जागरूकता और विकास में लघु समाचार
पत्रों का योगदान और उनकी वर्तमान दशा ,,,, ख्याली राम मीना द्वारा
आलेक्खित लेख ,,जनसंचार का प्राचीन माध्यम हस्त लिखित ग्रन्थ सम्पदा
,,,डॉक्टर दीपक कुमार श्रीवास्तव का आलेख ,,,सोशियल नेटवर्क की लोकप्रियता
और चुनौती ,,,डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल का आलेख ,,, कोटा में गौरवमयी
पत्रकारिता ,,,,,प्रदीप कुमार वर्मा का आलेखक ,,,सूचनाओ के संवाहक वाक़िया
निगार ,,,नितेन्द्र सिंह चौहान का आलेख ,,भारत में मिडिया तथ्य ,,कथ्य
,,,,,ब्रजेश विजयवर्गीय का आलेख ,,,प्रकृति का प्रहरी बन रहा सोशल मीडिया
,,,बृजेश कुमार त्रिवेदी का लेख ,,लोकप्रियता बरक़रार है रेडियो की
,,,लक्ष्मी कान्त शर्मा का लेख ,,, प्रेस की स्वतंत्रता व् राष्ट्रिय हित
,,,,,अब्दुल अलीम का आलेख ,,,,,लघु समाचार पत्रों की चुनौतियां और समाधान
,,,पवन कुमार आहूजा का लेख ,,,,कम्प्यूटर का तहलका ,,,धीरज गुप्ता तेज का
आलेख ,,,,समाज में मिडिया की भूमिका ,,,पुष्पा गोस्वामी का आलेख ,,दुनिया
मुट्ठी में ,,,,डॉक्टर राजेन्द्र कुमार व्यास का आलेख नया सुचना समाज ,,,,
मनु सिकरवार का आलेख ,,संचार शक्ति कम्प्यूटर शब्दावली ,,,पत्रकारिता बीमा
योजना सहित महत्वपूर्ण आलेख है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
में प्यार की दूकान
में प्यार की दूकान
लगाये बैठा रहा ज़िंदगी भर
लोग नफरत के बाज़ार में
खरीददारी करते रहे उम्र भर
मेरी प्यार की दूकान पर
देखो कोई बिक्री न हुई
इधर नफरत बेचने वाले
मला माल होते चले गए ,,अख्तर
लगाये बैठा रहा ज़िंदगी भर
लोग नफरत के बाज़ार में
खरीददारी करते रहे उम्र भर
मेरी प्यार की दूकान पर
देखो कोई बिक्री न हुई
इधर नफरत बेचने वाले
मला माल होते चले गए ,,अख्तर
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश नाथ भट्ट राजस्थान में भाजपा सरकार के संकट मोचक के रूप में पहचाने जाते है ,,
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश नाथ भट्ट
राजस्थान में भाजपा सरकार के संकट मोचक के रूप में पहचाने जाते है
,,,,भाजपा के हर कार्यकाल में जब भी सरकार या फिर सरकार के सिरमौर लोगों पर
कोई भी संकट ,,कोई विपत्ति आती है तो एडवोकेट कैलाश नाथ भट्ट अपनी हिकमते
अमली से खामोशी के साथ उस संकट को दूर कर देते है ,,,अदालती कामकाज के
दौरान भी भट्ट भाजपा से संबंधित हर मामले में संकट मोचक साबित हुए है
,,,यही वजह है के भाजपा में कैलाश नाथ भट्ट की हैसियत निकटतम वफादार और
सहयोगियों की बनी हुई है ,,,,सदा जीवन
उच्च विचार ,,,,अपने काम से अपनी पहचान बनाने का प्रयास करने वाले एडवोकेट
कैलाश नाथ भट्ट का जन्म २८ अप्रेल १९५२ को राजस्थान में हुआ और यहीं उनकी
पढ़ाई लिखाई हुई ,,छात्र जीवन से ही आपकी नेतृत्व क्षमता और दूसरों के संकट
में उनके संकट दूर करने की प्रवृत्ति से लोग इन्हे आदर की दृष्टि से देखने
लगे ,,,,भाजपा की सभी रीती नीतियों को सभी समाज को अपना बनाकर साथ चलने
वाले कैलाश नाथ भट्ट प्यार की मोहब्बत की सियासत करते है ,,यह समाज ,,जाती
,,धर्म में नफरत फैलाकर सियासत करने पर विश्वास नहीं करते और इनके सिद्धांत
इस नीति के सख्त खिलाफ है ,,यही वजह है के मुस्लिम समाज के वकीलों के साथ
साथ कई कांग्रेस के लोगों में इनकी अपनी निजी पेठ है और अवसर पढ़ने पर वोह
इनका इस्तेमाल भाजपा के पक्ष में कर भी लेते है ,,,,पार्टी ,, संगठन
,,पार्टी नेताओं पर अनेको बार संकट के बादल मंडराएं ,,,व्यक्तिगत रूप से
अनेको बार मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा सिंधिया पर अनेको सियासी और क़ानून
हमले हुए लेकिन हर बार ढाल बनकर कैलाश नाथ भट्ट ने इन हमलो का मुक़ाबला ही
नहीं किया बल्कि उन्हें विफल भी कर दिखाया ,,,,कई बार इन हमलो से पार्टी
तनाव में रही लेकिन चुटकियों कैलाश नाथ भट्ट ने अपनी हिकमत ,,व्यहवहार और
मुलाक़ातों से पार्टी को समस्या का समाधान कर संकट के दौर से बाहर निकला है
,,कैलाश नाथ भट के व्यवहार की वजह से ही कई वकील ,,सेवानिवृत्त न्यायिक
अधिकारी ,,कर्मचारी पार्टी पर भरोसा जताकर पार्टी के साथ जुड़े है ,,,सादगी
भरा जीवन जीने वाले ,,सभी के काम आने वाले भाई कैलाश नाथ भट्ट पदों के पीछे
कभी नहीं भागे ,,काम ही इनकी इनके लिए संतुष्टि है लेकिन अब वक़्त आ गया है
जब ऐसी प्रतिभा ऐसी क़ाबलियत को पार्टी में सरकार में महत्वपूर्ण
ज़िम्मेदारी देकर पुरे राजस्थान को इनके अनुभवों का लाभ दिलवाया जाए
,,कैलाश नाथ भट्ट वकीलों में वकील ,,,पार्टी कार्यकर्ताओं में पार्टी
कार्यकर्ता ,,बच्चों में बच्चे ,,जवानो में जवान और बुज़ुर्गों में बुज़ुर्ग
बनकर रहते है ,,,,,,,,इनकी सादगी ,,मिलंसारी ,,,दूसरों के काम आने का
स्वभाव ,,लोगों के दिलों में इन्हे अपना कहलवाने के लिए काफी है
,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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