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28 अप्रैल 2014

दुल्हनिया पहुंची दूल्हे के घर बारात लेकर, जानें किन हालात में उठाया कदम




घुरकी (गढ़वा)। कहते हैं, जोडिय़ां स्वर्ग में ही तय होती हैं। फिर चाहे कितनी भी अड़चनें क्यों न आए, शादी जरूर होती है। कुछ ऐसा ही दिखा सोमवार को गढ़वा के घुरकी प्रखंड में। निकाह में जब दूल्हे के परिजनों ने रुकावट डाली तो दुल्हन खुद बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंच गई। फिर ग्रामीणों के सहयोग से मदरसा दारूल उलूम गौसिया नूरिया में दोनों का निकाह कराया गया। पूरे गांव के लोग इस निकाह के साक्षी बने। निकाह के बाद ग्रामीणों ने दूल्हा-दुल्हन को विदा किया। 
  
दूल्हे के परिजन बने थे रुकावट

दुल्हन खुशबू ने कहा, धुरकी गांव के हजरत अंसारी के छोटे बेटे असदुल्लाह से उसका निकाह एक महीने पहले तय हुआ था। इसी दौरान लड़के का बहनोई उसे देखने आया। बातचीत के बहाने उसे अकेले में ले गया और अश्लील हरकत करने लगा। उसने इसका विरोध किया और असदुल्लाह को फोन पर सारी बातें बताईं।
 
असदुल्लाह ने जब अपने बहनोई से इस संबंध में पूछा तो वह साफ मुकर गया। इसकी जानकारी जब लड़के के पिता को मिली तो उन्होंने शादी से इनकार कर दिया। लेकिन लड़का शादी की जिद पर अड़ा था। इसके बाद दुल्हन के पिता ताहिर हुसैन ने मुखिया महबूब अंसारी और थाना प्रभारी बुधदेव खडिय़ा से मुलाकात की। इन दोनों की पहल पर शादी की तारीख 28 अप्रैल तय की गई।
थाना प्रभारी की पहल से सुलझा मामला
असदुल्लाह ने जब अपने बहनोई से इस संबंध में पूछा तो वह साफ मुकर गया। इसकी जानकारी जब लड़के के पिता को मिली तो उन्होंने शादी से इनकार कर दिया। लेकिन लड़का शादी की जिद पर अड़ा था। इसके बाद दुल्हन के पिता ताहिर हुसैन ने मुखिया महबूब अंसारी और थाना प्रभारी बुधदेव खडिय़ा से मुलाकात की। इन दोनों की पहल पर शादी की तारीख 28 अप्रैल तय की गई।दूल्हे के पिता ने रखी शर्त

दूल्हे के पिता शादी के लिए तो राजी हो गए, लेकिन शर्त रख दी कि वे बारात लेकर लड़की के गांव डंडई नहीं जाएंगे। लड़की को ही धुरकी आकर निकाह करना पड़ेगा। इस पर लड़की के पिता राजी हो गए। सोमवार दोपहर खुशबू अपने पिता ताहिर हुसैन, बड़ी बहन गजाला और अन्य परिजनों के साथ घुरकी गांव पहुंची, जहां उनका निकाह कराया गया। फिर ग्रामीणों ने दूल्हा-दुल्हन को वहां से विदा किया।

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