आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

24 अप्रैल 2014

वन्देमातरम करके दिखाते है ,

वन्दे मातरम
कहते नहीं हम ,,
वन्देमातरम
करके दिखाते है ,,
खुदा के नाम का सजदा
इसी ज़मीन पर करते है हम
मरते है इसी मिटटी के लिये
मरकर भी
इसी मिटटी मे
मिल जाते है हम ,,,
हम वोह नहीं
जो कहते कुछ ओर है
करते कुछ ओर
राख बनकर नदी मे
बहकर पाकिस्तान चले जाते है
हम वन्दे मातरम्
कहते भी है
करके भी करके भी दिखाते है ,,,,,,
अपने खुदा के नाम के लिये
इसी पाक ज़मीन पर हम
अपना सर रोज़ दिन मे पांच बार झुकाते है ,,
हम फ़क़त वन्देमातरम
कहते नहीं करके भी दिखाते है ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...